BPSC की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा (BPSC 67th. Combined Preliminary Examination) के पेपर के लीक होने के बाद बनी जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इसके बाद आयोग ने परीक्षा को रद्द (BPSC Prelims Paper Cancelled) कर दिया है. रविवार, 8 मई को आयोजित परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर लीक हो गया था. परीक्षा शुरू होने के पहले ही कई टेलीग्राम ग्रुप पर प्री का पेपर वायरल हो चुका था.
तीन सदस्यीय जांच टीम ने तीन घंटे में सौंपी रिपोर्ट
BPSC के अध्यक्ष आरके महाजन ने पेपर लीक की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित किया था, जिससे 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी गयी थी. जांच के बाद कमेटी ने महज तीन घंटे के अंदर ही आयोग के अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट आयोग सौंप दी.
बिहार लोक सेवा आयोग ने जानकारी दी है कि बिहार के डीजीपी से अनुरोध किया गया है कि साइबर सेल द्वारा 'प्रश्न पत्र लीक' मामले की जांच की जाए.
इससे पहले मीडिया से बात करते हुए BPSC के सचिव जियुत सिंह ने माना था कि सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पेपर वही था जिसे परीक्षा में अभ्यर्थियों को दिया गया था.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय छात्र एकता मंच के अध्यक्ष दिलीप कुमार ने BPSC Prelims परीक्षा शुरू होने से करीब 10 मिनट पहले ही सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ई-मेल में वायरल पेपर की कॉपी भेज दी थी और परीक्षा को रद्द करने की मांग की थी.
आरा में बवाल
आज आरा के कुंवर सिंह कॉलेज से बिहार लोक सेवा आयोग के परीक्षार्थियों ने हंगामा किया, जिन्हें शांत कराने के लिए डीएम-एसपी समेत कई वरिष्ठ अधिकरियों को मौके पर पहुंचना पड़ा.
हंगामा कर रहे परीक्षार्थियों का आरोप था कि आरा में कुछ परीक्षार्थियों को मोबाइल परीक्षा केंद्र में लाने दिया गया और अलग कमरे में परीक्षा देने की इजाजत दी गई. मालूम हो कि BPSC में पहली बार 6 लाख 2 हजार परीक्षार्थी प्री एग्जाम में बैठे थे.
भोजपुर डीएम रोशन कुशवाहा ने कहा कि "परीक्षा में कुछ समस्या थी. जिन उम्मीदवारों को कोई समस्या है वे लिखित शिकायत दर्ज कर सकते हैं, हम इसे जमा करेंगे और इसे बीपीएससी को भेजेंगे. उसके अनुसार अंतिम निर्णय लिया जाएगा, लेकिन इस मुद्दे पर कोई सटीक जानकारी नहीं है"
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