यूपी सरकार की कोरोना टेस्टिंग पॉलिसी को लेकर सवाल उठाने वाले एक पूर्व आईएएस अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है. पूर्व IAS अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह पर आरोप है कि उन्होंने महामारी के दौरान अफवाह फैलाने का काम किया है. FIR दर्ज होने के बाद सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि मुकदमा दर्ज कर अगर आवाज दबाने की कोशिश है तो वो रुकने वाले नहीं हैं.
मैं मुख्यमंत्री जी से बस इतना कहना चाहता हूं कि सूर्यप्रताप सिंह हो या कोई और जो सवाल पूछ रहा है, वो आपका दुश्मन नहीं है. सत्ता को सबसे बड़ा संदेश एक ही है ‘निंदक नियरे राखिए’. पर अगर आप मुकदमा कर आवाज दबाना चाहते हैं तो इस आलोकतांत्रिक रवैये के खिलाफ मैं खड़ा हूं. जय हिन्द.सूर्य प्रताप सिंह, पूर्व IAS अधिकारी
FIR पर भी उठाए सवाल
FIR पर भी सूर्य प्रताप सिंह ने सवाल उठाया है, उनका कहना है कि जो धाराएं लगाई गई हैं वो सरकारी कर्मचारियों पर लगने वाली धाराएं हैं और वो चार साल पहले ही रिटायरमेंट ले चुके हैं.
मुझपर मुकदमा किया कोई बात नहीं, पर मेरे काबिल सहकर्मियों को कानून का ज्ञान नहीं है ये देख कर दुख हुआ. मुझे VRS लिए हुए 4 साल हो गए और मुझपर सरकारी कर्मचारियों पर लगाने वाली धाराएं लगवायी गयीं, इसपर IAS association संज्ञान ले और अधिकारियों की ट्रेनिंग एक बार फिर से करवायी जाए.सूर्य प्रताप सिंह, पूर्व IAS अधिकारी
इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि वो किसी सरकार के खिलाफ नहीं हैं बल्कि ये चाहते हैं कि टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई जाए.
किस ट्वीट को लेकर हुई है FIR
द प्रिंट में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व आईएएस अधिकारी पर ये एफआईआर उनके ट्वीट के बाद हुई. उन्होंने बुधवार को एक ट्वीट किया था, जिसमें पूर्व अधिकारी ने यूपी के चीफ सेक्रेट्री पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने कुछ जिलाधिकारियों को कोरोना की ज्यादा टेस्टिंग को लेकर धमकाया है. पूर्व आईएएस अधिकारी ने अपने ट्वीट में लिखा था,
“CM योगी की Team-11 की मीटिंग के बाद क्या मुख्य सचिव ने ज्यादा Corona Tests कराने वाले कुछ DMs को हड़काया कि “क्यों इतनी तेजी पकड़े हो, क्या ईनाम पाना है, जो टेस्ट-2 चिल्ला रहे हो ?” मुख्य सचिव स्थिति स्पष्ट करेंगे? यूपी की स्ट्रेटेजी: No Test= No Corona”
रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व अधिकारी के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में दाखिल हुई एफआईआर में कहा गया है कि उनका ट्वीट भ्रामक था और नुकसान पहुंचाने वाला था. इससे लोगों में कंफ्यूजन पैदा हो सकती है.
‘नो टेस्ट, नो कोरोना’
FIR दर्ज होने के बावजूद सूर्य प्रताप सिंह एक के बाद एक ट्वीट किए जा रहे हैं. उनके ज्यादातर ट्वीट्स यूपी में कोरोना टेस्टिंग पर सवाल खड़ें करने वाले हैं. ऐसे ही एक ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि पिछले 25 दिनों में नोएडा में 4 हजार और गजियाबाद में 7.5 हजा कोरोना की जांच हुई है. दोनों जिलों की संयुक्त आबादी 65 लाख से ऊपर है. दिल्ली या मुंबई से आबादी के सापेक्ष कुल जांचों की संख्या मंगवा लीजिए, उत्तरप्रदेश सरकार का झूठ पकड़ा जाएगा.
इस ट्वीट के आखिर में उन्होंने लिखा है- पॉलिसी एक ‘नो टेस्ट, नो कोरोना’. साफ है कि पूर्व IAS ऑफिसर का दावा है कि टेस्टिंग इसलिए कम कराई जा रही है जिससे कोरोना संक्रमितों की ज्यादा संख्या सामने न आ सके.
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