झारखंड में कोरोनावायरस का पहला पॉजिटिव केस आने के बाद रांची स्थित रिम्स अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मचारी डरे हुए हैं. रिम्स में काम कर रहे करीब 35 स्वास्थ्य कर्मचारियों ने बुधवार को हॉस्पिटल मैनेजमेंट के खिलाफ नारेबाजी की. ठेके पर काम कर रहे ये कर्मचारी इसलिए खफा हैं क्योंकि इन्हें बिना किसी सुरक्षा उपकरण के कोरोना के संदिग्ध मरीजों की देखभाल में लगाया गया है.
टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, स्वास्थ्य कर्मचारियों का कहना है कि महज 7,800 की सैलरी में काम कर रहे हैं और उन्हें अपनी जान जोखिम में डालने को कह दिया गया है.
लैब तकनीशियन हितेश कुमार ने कहा-
“यहां लैब में मेरे जैसे पांच और आउटसोर्स कर्मचारी हैं. पांच में से एक महिला है, जिसका छोटा बच्चा भी है. हमें हर महीने में 7800 रुपये मिल रहे हैं. कोरोनोवायरस संक्रमण से खुद को बचाने के लिए हॉस्पिटल की ओर से कोई सुरक्षा उपकरण नहीं दिया गया है. हम नियमित कर्मचारी नहीं हैं, फिर भी रिम्स मैनेजमेंट हमसे जोखिम भरा काम कराता है. क्या ये उचित है?”
इन लोगों की चिंता और बढ़ गई जब यहां झारखंड की पहली कोरोना पीड़ित महिला को लाया गया. मैनेजमेंट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों में से एक कर्मचारी ने बताया कि जनवरी में ही कुछ ने स्थाई नौकरी की परीक्षा पास की, लेकिन किसी को नियुक्ति पत्र आजतक नहीं मिला.
एक दूसरे प्रदर्शनकारी ने बताया कि कर्माचारियों ने रिम्स के डायरेक्टर डीके सिंह से मिलने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं मिले.
रिम्स के डायरेक्टर डीके सिंह का कहना है कि वो समस्या से अवगत हैं और इस बारे में सरकार को बताया है
अस्पताल में काम करने वाले एक जूनियर डॉक्टर ने बताया कि अगर ऑपरेशन थियेटर के अटेंडेंट और लैब टेक्नीशियन पीछे हट गए तो कोरोना के इस संकट काल में इलाज करना मुश्किल होगा. आलम ये है कि जब झारखंड की पहिला महिला मरीज को अस्पताल लाने की बात हुई तो कोई एंबुलेंस ड्राइवर तैयार नहीं हो रहा था. एक नर्स तो रोने लगी.
झारखंड में मलेशियाई नागरिक कोरोना संक्रमित
झारखंड में कोरोनावायरस से संक्रमित महिला मलेशियाई नागरिक है. इस महिला ने दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में हिस्सा लिया था. उसे रांची के खेलगांव में आइसोलेशन के लिए भेज दिया गया है. झारखंड में इससे पहले कोरोना वायरस का एक भी पॉजिटिव केस नहीं पाया गया था.
मलेशियाई महिला के संपर्क में जमशेदपुर में एक ही परिवार के 14 लोग आए. इस महिला से मिलने के लिए परिवार के कुछ लोग उस महिला से मिलने रांची गए थे. इनमें से चार लोगों को जमशेदपुर के महात्मा गांधी मेमोरियल अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है.
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