उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ के बांसगांव में 14 अगस्त की शाम दलित ग्राम प्रधान की हत्या कर दी गई. परिवार ने ठाकुरों पर हत्या का आरोप लगाया है. प्रधान सत्यमेव जयते की मौत के बाद गुस्साई भीड़ ने तोड़फोड़ और आगजनी को अंजाम दिया. भीड़ ने बोगरिया पुलिस चौकी को भी आग के हवाले कर दिया.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, परिवार का कहना है कि ठाकुरों को दलितों का सिर उठाकर चलना मंजूर नहीं था. पुलिस ने इस मामले में विवेक सिंह, सूर्यांश कुमार दुबे, बृजेंद्र सिंह और वसीम के खिलाफ केस दर्ज किया है.
सत्यमेव के साथ काम करने वाले और उनके रिश्तेदार लिंकन ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “वो सत्यमेव के कद और इस बात से जलते करते थे कि वो अपने सिर ऊंचा उठाकर चलता है. उन्होंने उनकी हत्या कर दी क्योंकि वो ये बर्दाश्त नहीं कर सकते थे कि एक दलित व्यक्ति उन्हें ना कहे.”
बांसगांव में दलित परिवारों की संख्या ज्यादा है. यहां करीब 300 दलित परिवार, और ठाकुर और ब्राह्मणों के करीब 50-60 परिवार हैं.
लिंकन ने सूर्यांश कुमार दुबे पर आरोप लगाते हुए बताया कि वो बार-बार प्रधान पर दबाव बना रहा था. उन्होंने कहा, “दुबे पिछले कुछ हफ्तों में तीन बार आया. ऊपर-ऊपर वो दिखा रहे थे कि उन्हें कोई परेशानी नहीं है, लेकिन ठाकुर इस बात से नफरत करते हैं कि दलितों की भी अपनी आवाज है और वो उनके सामने अपनी बात कह सकते हैं. ये हमें हमारी जगह दिखाने के लिए किया गया है.”
लिंकन का कहना है कि हत्या के बाद, चारों आरोपी सत्यमेव की मां के पास गए और गालियों का इस्तेमाल करते हुए उनके साथ दुर्व्यवहार किया और उनके बेटे की हत्या की बात कही.
प्रदर्शन के दौरान बच्चे की भी मौत
घटना के विरोध में प्रदर्शन के दौरान एक आठ साल के बच्चे की भी गाड़ी से कुचल कर मौत हो गई. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्राम प्रधान की हत्या और बच्चे की मौत पर शोक जताते हुए आश्रितों को 5-5 लाख रूपये की सहायता राशि दिए जाने की घोषणा की है. मामले में थाना इंचार्ज और चौकी इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया गया है. आरोपियों के खिलाफ एनएसए के तहत कड़ी कार्रवाई करने के साथ-साथ उनकी जमीन जब्त करने के भी निर्देश दिए हैं.
मायावती ने घटना की निंदा की
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने सरकार पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि दलितों की इस प्रकार हत्या से वर्तमान बीजेपी सरकार और एसपी में क्या अंतर रह गया है.
मायावती ने ट्वीट किया, “आजमगढ़ के बांसगांव में दलित प्रधान सत्यमेव जयते पप्पू की स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या में नृशंस हत्या और एक अन्य की कुचलकर मौत की खबर अति-दु:खद है. यूपी में दलितों पर इस प्रकार हो रही जुल्म-ज्यादती व हत्या आदि को देखें, तो पूर्व की सपा व बीजेपी की वर्तमान सरकार में क्या अन्तर रह गया है?”
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