बेंगलुरु (Banglore) के ESI हॉस्पिटल से लापरवाही का अजीब मामला सामने आया है, जहां हॉस्पिटल के अंदर कोरोना (Corona) के दो मरीजो की बॉडी करीब एक साल बाद मिली. राजीनगर पुलिस के अनुसार मृतकों के नाम दुर्गा और मुनिराजू है.
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि, शवों को एक साल पहले मोर्चरी के कोल्ड स्टोरेज में रखा गया था और इस बीच एक नई मोर्चरी की इमारत का काम शुरू कर दिया गया था. उन्होंने कहा,
"शनिवार को, जब हाउसकीपिंग स्टाफ पुराने मुर्दाघर की सफाई के लिए गया तो उन्हें एक दुर्गंध महसूस हुई जिसके बाद में इन दोनों शवों का पता चला."
मोर्चरी में कैसे रह गए शव?
कोरोना की दूसरी वेव में पूरे भारत में हजारों में मौत के आंकड़े निकलकर सामने आए थे. इनमें से मृतकों की संख्या ज्यादा होने के कारण हजारों लोगों का ठीक से अंतिम संस्कार भी नहीं हो पाया था.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि अस्पताल के कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि, कई मरीजों के परिवार के सदस्य शव लेने में झिझक रहे थे. अधिकारी ने कहा, "ये दोनों शव फ्रीजर में रहे क्योंकि अस्पताल के कर्मचारी लगातार महीनों से बहुत सारे कोविड -19 मामलों से निपटने में व्यस्त हो गए."
उन्होंने कहा कि, सोमवार तक मृतक के परिजनों का पता लगा लिया जाएगा और अनुमति मिलने के बाद शवों का अंतिम संस्कार किया जाएगा. अधिकारी ने कहा, “ये दो मौतें पिछले साल अक्टूबर में हुई होंगी लेकिन हम अस्पताल से इसकी पुष्टि होने का इंतजार कर रहे हैं.”
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