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दिल्ली: MCD स्कूलों में शिक्षा के स्तर पर DCPCR का नोटिस, 2 हफ्ते में मांगा जवाब

सर्वे में कक्षा 3 के परिणाम एमसीडी के स्कूलों में टीचिंग और लर्निंग की निराशाजनक तस्वीर पेश करते हैं.

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राज्य
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दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (DCPCR) ने एमसीडी के स्कूलों में शिक्षा की खराब गुणवत्ता को लेकर एमसीडी को नोटिस भेजा है. आयोग ने एमसीडी से संचालित स्कूलों में बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में बार-बार अफसल होने की जांच करने का आदेश भी दिया हैं. साथ ही, DCPCR ने नोटिस का जवाब देने के लिए एमसीडी को दो हफ्ते का समय दिया है. एमसीडी को 19 सितंबर से तक नोटिस का जवाब देने के लिए कहा गया है.

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इस संबंध में DCPCR के अध्यक्ष अनुराग कुंडू ने ट्वीट में कहा,

"DCPCR ने एमसीडी स्कूलों में शिक्षा की खराब गुणवत्ता के संबंध में जांच के आदेश दिए हैं. एमसीडी स्कूलों के प्रदर्शन को पूरे भारत में नीचे से पांचवां स्थान दिया गया है."

DCPCR द्वारा जारी जांच के नोटिस में कहा गया है कि प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी दिल्ली नगर निगम की है. राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NSS) 2021 के कक्षा तीन के परिणाम एमसीडी के स्कूलों में टीचिंग और लर्निंग की गुणवत्ता पर सीधी टिप्पणी है.

राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में कक्षा 3 के परिणाम एमसीडी के स्कूलों में टीचिंग और लर्निंग की निराशाजनक तस्वीर पेश करते हैं, जो दिल्ली को भारत में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले 5 राज्यों में शामिल है. वास्तव में, दिल्ली नगर निगम के कक्षा 3 के परिणाम भाषा, गणित और पर्यावरण अध्ययन तीनों विषयों में राष्ट्रीय औसत से नीचे हैं. भाषा में कक्षा 3 के लिए औसत राज्य स्कोर 52 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय औसत 62 फीसद है.

DCPCR द्वारा जारी नोटिस में आगे कहा गया है कि ये ध्यान दिया जाए कि खराब प्रदर्शन को साधारण नहीं माना जा सकता, क्योंकि राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2017 में कक्षा 3 के लिए स्कोर 58 फीसद था. इसलिए आयोग ने दिल्ली नगर निगम को नोटिस जारी कर खराब प्रदर्शन का स्पष्टीकरण मांगा है. यह स्पष्टीकरण दो सप्ताह के अंदर 19 सितंबर तक देने का समय दिया गया है.

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दिल्ली महिला आयोग ने भी की थी खिंचाई

मई 2022 में, दिल्ली महिला आयोग ने भी एमसीडी के चार स्कूलों की सरप्राइज विजिट के बाद कहा था कि स्कूलों की हालत काफी खराब और जर्जर हालत में है. एमसीडी के एक स्कूल में बच्चियों के साथ छेड़खानी का मामला सामने आने के बाद महिला आयोग ने स्कूलों का सरप्राइज इंस्पेक्शन किया था. दिल्ली महिला आयोग ने इन स्कूलों को असुरक्षित भी बताया था.

दिल्ली महिला आयोग स्वाति मालीवाल ने कहा था, "मैं एमसीडी स्कूलों की निराशजनक स्थिति देखकर शॉक हूं. इन स्कूलों में स्टूडेंट्स और टीचर्स सुरक्षित नहीं हैं. एमसीडी ऐसे स्कूल चला रहा है जहां लड़कियों को खुले में शौच में जाने को मजबूर होना पड़ा रहा है."

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