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AAP MLA दुर्गेश पाठक का आरोप-LG विनय कुमार ने किया था 1400 करोड़ का घोटाला

कैशियर संजीव कुमार और प्रदीप यादव ने अपने बयान में कहा है कि 22 लाख रुपए के पुराने नोट बदले गए.

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दिल्ली के आप आदमी पार्टी के विधायक दुर्गेश पाठक ने एलजी विनय कुमार सक्सेना पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका आरोप है कि खादी ग्रामोद्योग के अध्यक्ष रहते हुए विनय कुमार ने1400 करोड़ रुपए का घोटाला किया था. खादी ग्रामोद्योग का अध्यक्ष रहते हुए विनय कुमार सक्सेना ने नोटबंदी के समय नवंबर 2016 में पुराने नोट को नए में बदल कर घोटाला किया.

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उन्होंने कहा कि नोटबंदी के दौरान जब लाखों लोगों के व्यापार तबाह हो गए और लोगों की नौकरियां चली गईं तब एलजी विनय कुमार सक्सेना 1400 करोड़ का घोटाला करने में व्यस्त थे. उपराज्यपाल विनय सक्सेना के 1400 करोड़ का घोटाला उजागर करने वाले बहुत गरीब थे, लेकिन हिम्मत नहीं हारी‌. हर फोरम में शिकायत की कि हमसे गलत काम कराया जा रहा है. इसके बावजूद जांच की अध्यक्षता खुद आरोपी ने की. दोनों शिकायतकर्ताओं को सस्पेंड कर दिया गया और अपने भ्रष्ट साथियों का प्रमोशन कर दिया गया.

दिल्ली के उप राज्यपाल के खिलाफ ईडी की रेड होनी चाहिए. ये मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार का मामला है. उप राज्यपाल के खिलाफ जब तक जांच चले इन्हें तब एलजी के पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. इन्हें उप राज्यपाल के पद से हटाया जाए.
दुर्गेश पाठक, आप विधायक

दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा कि देश के सामने आज मैं 1400 करोड़ रुपए के एक बहुत बड़े घोटाले का खुलासा करने जा रहा हूं. यह घोटाला राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर हुआ. यह घोटाला उनके प्रतीक चिन्ह खादी के नाम पर हुआ. बड़े दुख और शर्म के साथ यह कह रहा हूं कि यह घोटाला किसी और ने नहीं बल्कि दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने किया है, जब वह खादी के चेयरमैन थे.

तीन दिन पहले मेरे पास एक फाइल आई है. यह फाइल पढ़ने के बाद मैं दंग हो गया. नोटबंदी के दौरान जब सैकड़ों लोगों की जान चली गई, हजारों लोग बेघर हो गए और लाखों लोगों की नौकरी और बिजनेस खत्म हो गए, जब लोग भूखे थे, अनाज के लिए तरस रहे थे, उस समय एलजी 1400 करोड़ के भ्रष्टाचार में लिप्त थे.
दुर्गेश पाठक, आप विधायक

उन्होंने कहा कि मैं इस सदन के माध्यम से उन दो कैशियर संजीव कुमार और प्रदीप यादव को सलाम करता हूं, जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगा दी, ताकि यह घोटाला किसी भी प्रकार से देश के सामने आना चाहिए. यह मामला 8 नवंबर का जब, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के अंदर जो पुराने 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए थे. उसके बाद ब्लैक मनी को व्हाइट करने का सिलसिला खादी ग्राम उद्योग के अंदर चला. खादी ग्राम उद्योग के बिक्री केंद्र के हेड कैशियर संजीव कुमार ने कहा कि मैंने 500 और 1000 रुपए का पुराना नोट भवन प्रबंधक के कहने पर स्वीकार किए.

अगर बैंक नोट ले रहा है, तो जमा कराएं. यह चेयरमैन का आदेश था. मैंने प्रबंधक महोदय को मना किया तो प्रबंधक ने कहा कि ऊपर से चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना का दबाव है. अगर नहीं किया तो चेयरमैन नाराज हो जाएंगे. इस बात पर मैं काफी डर गया. क्योंकि, नोटबंदी से 5 दिन पहले ही चेयरमैन ने भवन के 2 स्टाफ का ट्रांसफर गोवा और जयपुर कर दिया था. ऐसे में मजबूरी में मैंने यह काम किया, जिसकी जानकारी भवन के अधिकतर स्टाफ को पहले से थी.

इस कार्य के लिए प्रतिदिन प्रबंधक अजय गुप्ता मुझे बिक्री कक्ष में बुलाते और पुराने 500-1000 के नोट बदलने के लिए देते. इस दौरान कहते कि आप प्रतिदिन अजय गुप्ता को नोट बदल कर दे दिया करो. मैंने जो भी अनुचित कार्य किया वह प्रबंधक एके गर्ग के दबाव में किया और इसकी पूरी जिम्मेदारी एके गर्ग की है. मैं यह शपथ पूर्वक कहता हूं कि इसमें मेरा कोई दोष नहीं है. मैं बड़े दुखी मन से बैंक में कैश जमा कर रहा था और मेरे करीब 7 दिन के अवकाश के बाद एलडीसी प्रदीप यादव मेरी अनुपस्थिति में हेड कैशियर के रूप में काम करते थे. यह कार्य इसलिए किया कि क्योंकि कुछ दिन पहले भवन के स्टाफ की मृत्यु दिल्ली से बाहर जाने पर हो गई थी, मेरा इसमें कोई दोष नहीं है. पूरा दोष भवन प्रबंधक और अजय गुप्ता का है. उनके छुट्टी लेने के बाद इनके जूनियर प्रदीप कुमार यादव को हेड कैशियर बनाया गया.
संजीव कुमार
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जांच के दौरान प्रदीप कुमार यादव ने बयान दिया कि नोटबंदी 8 नवंबर को हुई थी. 9 नवंबर 2016 के बाद हमने ग्राहक से पुराने नोट स्वीकार नहीं किए, जो भी नोट जमा हुए वह काउंटर कैशियर के द्वारा जमा किए गए. नए नोट हेड कैशियर के पास जाते थे. इसके बाद वह नोट एके गर्ग के आदेश अनुसार अजय कुमार गुप्ता के द्वारा हेड कैश केबिन में बदले जाते थे. इसके बाद उन नोट को कैशियर बैंक में जमा करते थे. एके गर्ग ने हेड कैश पर काम करने के एक दिन पहले शाम को अपने केबिन में बुला कर हमें नोट बदलने के लिए कहा था. हमने कहा सर कोई परेशानी ना हो, तो उन्होंने कहा कि यह चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना का है, चिंता की बात नहीं है, हम हैं. यह कार्य कैशियर से प्रेशर देकर कराया गया.

हमें एके गर्ग ने कहा कि पहले से भी जमा हो रहा है, चिंता का कोई कारण नहीं है. अजय गुप्ता पुराने नोट लेकर आते थे और नए नोट ले जाते थे. हेड कैशियर पुराने नोट को बैंक में जमा कर देते थे. यह कार्य धमकी के साथ (जैसा कह रहा हूं वैसा करो) कहा जाता था. उपरोक्त शब्द जो भी कह रहा हूं पूर्णतया सत्य कह रहा हूं. मैं यह बयान पूरे होश हवास में दे रहा हूं. यह किसी दबाव से नहीं दे रहा हूं.
प्रदीप कुमार यादव
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विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा कि एक ब्रांच के यह दोनों कैशियर है. उन्होंने बताया कि नोटबंदी के बाद हमारी ब्रांच से लगभग 22 लाख रुपए की हेरफेर की गई. पुराने नोट को बदलकर नए नोट बदले गए. इस तरह से पूरे देश में खादी ग्राम उद्योग की लगभग 7000 ब्रांच हैं. अगर आप इसका आंकलन करोगे तो 1400 करोड़ से ज्यादा का भ्रष्टाचार है. ये दोनों बहुत डर गए, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने देश में हर स्तर पर इसकी शिकायत की. हमसे यह गलत कार्य कराया जा रहा है. उसके बाद जांच हुई.

इस देश का दुर्भाग्य है कि इस जांच की अध्यक्षता उन्होंने की जिनके ऊपर आरोप था.‌ ऐसे में इन दोनों कैशियर को सस्पेंड कर दिया गया और दोनों ऑफिसर एके गर्ग और अजय कुमार गुप्ता का प्रमोशन कर दिया गया. एक को तो पूरा का पूरा राजस्थान दे दिया. यह 1400 करोड़ रुपए का घोटाला है. सारे मामले में लीपापोती कर दी गई.

सीबीआई में भी मामला दर्ज किया गया. सबसे बड़ी बात यह है कि सीबीआई में उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना का नाम तक नहीं लिखा गया. सीबीआई ने ना तो कोई रेड की ना कोई पूछताछ की. सब कुछ ऐसे ही छोड़ दिया गया. इतना बड़ा घोटाला हुआ, लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ. जिन लोगों ने इस घोटाले को एक्सपोज किया उन को ही सस्पेंड कर दिया गया
दुर्गेश पाठक, आप विधायक

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