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पद्म पुरस्कार को लेकर महाराष्ट्र सरकार में मतभेद, तालमेल की कमी

पद्म पुरस्कार की सिफारिश करने के लिए मंत्री आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में बनाई गई थी समिति

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महाविकास अघाड़ी सरकार में क्या सब कुछ ठीक चल रहा है? ये सवाल इस लिए पूछा जा रहा है क्यों कि पद्म पुरस्कार की सिफारिश करने के लिए मंत्री आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में बनाई गई समिति के ऊपर एक और समिति बनाए जाने की खबर है.

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ऐसे में सरकार में कामकाज को लेकर सवाल उठ रहे हैं. आदित्य को समिति का अध्यक्ष बनाए जाने से पहले क्या कोई चर्चा सरकार में शामिल पार्टियों में नहीं हुई थी? क्या आदित्य की अध्यक्षता में बनी कमिटी को रद्द करने पर कहीं गलत संदेश ना जाए शायद इस लिए फेस सेविंग तारीका ढूंढा जा रहा है? जानकार बताते है कि राज्य में पद्म पुरस्कार के लिए दो समिति बनाने का इतिहास नहीं है.

शरद पवार नाखुश ?

सूत्र बताते हैं कि शरद पवार ने भी आदित्य को पद्म पुरस्कार समिति अध्यक्ष बनाए जाने पर अपनी नाराजगी शिवसेना के कुछ वरिष्ठ नेताओं के सामने व्यक्त की है. जानकारी के मुताबिक पवार का कहना है पद्म पुरस्कार की समिति के अध्यक्ष पद के लिए आदित्य ठाकरे कम अनुभवी हैं. ऐसे में इस समिति का अध्यक्ष या तो सीएम या कोई दूसरा सिनियर नेता होना चाहिए. बुधवार को महाराष्ट्र सरकार के GAD विभाग ने आदेश जारी किए थे जिसमें पद्म पुरस्कार की समिति की घोषणा की थी समिति में कुल 9 लोग है. पद्म पुरस्कार के लिए जो सिफारिश राज्य सरकारों के पास आती है उसे चर्चा कर समिति फैसला लेकर केंद्र सरकार के पास भेजती है.


फैसले लेने में पार्टियों में तालमेल की कमी

महाविकास अघाड़ी की सरकार जब से महाराष्ट्र में सत्ता पर काबिज हुई है तब से देखा गया है तीनों पार्टियों के बीच संवाद की कमी समय समय पर देखी गई है.कुछ महीने पहले भी मुंबई पुलिस के DCP के ट्रांसफर के ऑर्डर जारी होने के बाद उसे रोकने पड़े थे. बताया गया कि सीएम उद्धव ठाकरे को बिना विश्वास में लिए डीसीपी के ट्रांसफर किए गए थे. इसके बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार और सीएम उद्धव ठाकरे भी बैठक में तय हुआ था कि आगे से कोई भी फैसले लेने से पहले तीनों दलों के नेताओ में बातचीत हो उसके बाद ही फैसला हो लेकिन शायद इस बार भी बिना बातचीत के ही पद्म पुरस्कार की समिति का ऐलान कर दिया गया है.

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