यूपी पुलिस और प्रशासन प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ जिस कड़ी पुलिसिया कार्रवाई पर दंभ भरते हैं, आज उसी नाकाम पुलिसिया कार्रवाई से आहत होकर एक रेप सर्वाइवर बेटी ने डीजल डालकर खुद को आग लगा ली. पीड़ित परिवार पुलिस से गुहार लगाता रहा कि आरोपी उन्हें और उनकी बेटी को परेशान कर रहे हैं, लेकिन यूपी पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की. नतीजा रेप सर्वाइवर ने आत्मदाह करने की कोशिश की.
पीड़ित परिवार का आरोप है कि आरोपी रेप सर्वाइवर को धमकाते थे. इसकी शिकायत परिवार ने पुलिस अधीक्षक के पास तक पहुंचाई लेकिन, पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और आरोपी खुलेआम घूम रहे थे. रेप सर्वाइवर के द्वारा खुद को आग लगाए जाने के बाद नींद से जागी यूपी पुलिस ने 11 दिन बाद मामला दर्ज किया है. लेकिन, सवाल कई हैं.
पीड़ित परिवार के शिकायत करने के बावजूद पुलिस ने मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया?
जब पुलिस अधीक्षक के पास पीड़ित परिवार पहुंचा तो SP ने इस मामले को गंभीरता से क्यों नहीं लिया?
अगर समय रहते पुलिस कार्रवाई करती तो आज रेप सर्वाइवर जिंदगी और मौत से नहीं जूझ रही होती.
जब पुलिस को पता था कि आरोपी जेल से छूटकर बाहर आए हैं, तो उनपर पुलिस कड़ी नजर क्यों नहीं रख रही थी?
जब पीड़ित परिवार ने रेप सर्वाइवर के आत्मदाह की सूचना पुलिस को दी तो पुलिस 11 दिनों तक सुध लेने क्यों नहीं आई?
अब आइए सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं कि मामला क्या है?
दरअसल, फर्रुखाबाद के फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र के एक गांव के शख्स ने एसपी अशोक कुमार मीणा को प्रार्थना पत्र दिया. इसमें आरोप लगाया कि उनकी 16 साल बेटी के साथ एक साल पहले गांव के ही दो युवकों ने दुष्कर्म किया था. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दोनों आरोपियों को जेल भेजा था. दोनों आरोपी कोर्ट से जमानत पर छूट गए. एक आरोपी बेटी से जबरन शादी करने का दबाव बना रहा था. दूसरी जगह शादी न करने पर धमकी देता था.
इससे तंग आकर 4 नवंबर को लड़की ने खुद पर डीजल डालकर आग लगा ली. उसे गंभीर हालत में लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां से डॉक्टर ने सैफई के लिए रेफर कर दिया. सैफई में सही इलाज न मिलने पर उसे शहर के मसेनी स्थित प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है. फिलहाल नाबालिक रेप पीड़िता का निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है और हालत गंभीर बनी हुई है.
क्या है पीड़ित घरवालों का आरोप?
घरवालों के मुताबिक एसपी को इस संबंध में तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. रेप पीड़ित के पिता और मा ने SP से बेटी को आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है फिलहाल नाबालिग से हुई इस घटना से संबंधित जब क्विंट की टीम ने जानकारी चाही तो मामले पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है और घटना के 11 दिन बीत जाने के बाद भी आरोपी खुले आम घूम रहे हैं.
फर्रुखाबाद के पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने बताया पीड़िता के द्वारा दी गई तहरीर के अनुसार कोतवाली फतेहगढ़ में मुकदमा दर्ज करवा दिया गया है.
सवाल ये है कि अगर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, तो अपराधी अभी तक खुलेआम क्यों घूम रहे हैं? अभी तक पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार क्यों नहीं कर पाई है? आखिर रेप सर्वाइवर का बयान क्यों नहीं दर्ज किया गया. यूपी में पिछले कुछ महीनों से लगातार ऐसी खबरें आ रही हैं, अपराधियों को पुलिस का खौफ होता तो ऐसी वारदातें बार-बार ना होतीं.
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