उत्तर प्रदेश के लोगों को मुफ्त वाईफाई की सुविधा मिलने वाली है. इसके तहत राज्य के सभी 75 जिलों, मुख्यालयों, नगर पालिका परिषद और 17 नगर निगमों और 217 सार्वजनिक स्थानों पर लोग, खासकर युवा मुफ्त वाईफाई की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के निर्देश पर नगर विकास विभाग के अधिकारी अब लोगों को मुफ्त वाईफाई की सुविधा उपलब्ध कराने की मुहिम में जुटे हैं. सार्वजनिक स्थलों पर मुफ्त वाईफाई की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हॉटस्पॉट सलेक्ट किया जाएगा. जिससे 15 अगस्त से राज्य में लोगों को हर शहर के बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन के पास तहसील, कचहरी, ब्लॉक कार्यालय, रजिस्ट्रार कार्यालय और मुख्य बाजारों में लोगों को मुफ्त वाईफाई की सुविधा उपलब्ध हो सके.
प्रदेश सरकार ने सूबे के लोगों को मुफ्त वाईफाई की सुविधा उपलब्ध कराने का वायदा किया था. पार्टी के संकल्प पत्र में भी इसका उल्लेख किया गया था, जिसका संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार ने सत्ता में आते ही लखनऊ सहित राज्य के कई शहरों के प्रमुख स्थलों पर मुफ्त वाईफाई की सुविधा उपलब्ध कराई थी. इसके लिए लखनऊ के हजरतगंज क्षेत्र में लोगों को वाईफाई की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हॉटस्पॉट बनाए गए थे.
हॉटस्पॉट के 50 मीटर के रेंज में मौजूद लोग मुफ्त वाईफाई इस्तेमाल कर पाते थे, अब इसी तर्ज पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना को हर जिला मुख्यालयों, नगर पालिका परिषद और 17 नगर निगमों में प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर शुरू करने का फैसला किया है.
अधिकारियों के मुताबिक, बड़े शहरों (नगर निगमों ) में दो स्थानों पर और छोटे शहरों में एक स्थान पर मुफ्त वाईफाई की सुविधा मिलेगी, जिसके तहत ही प्रदेश सरकार लखनऊ, कानपुर, आगरा, अलीगढ़, वाराणसी, प्रयागराज, झांसी, बरेली, सहारनपुर, मुरादाबाद, गोरखपुर, अयोध्या, मेरठ, शाहजहांपुर, गाजियाबाद, मथुरा-वृंदावन और फिरोजाबाद नगर निगम वाले शहरों के अलावा नगर पालिका परिषद वाले शहरों में यह सुविधा दी जाएगी.
मुफ्त वाईफाई की सुविधा बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, तहसील, कचहरी, ब्लॉक और रजिस्ट्रार कार्यालय के आसपास और शहर के प्रमुख बाजारों में दी जाएगी. मुफ्त वाईफाई की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नगरीय निकाय के अधिकारी इंटरनेट कंपनियों से करार करेंगे. वाईफाई में इंटरनेट की स्पीड पर विशेष ध्यान रखा जाएगा
नगर आयुक्तों और अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि स्मार्ट सिटी परियोजना या फिर नगरीय निकाय अपने स्रोत से इसका खर्च उठाएंगे. निकायों से यह भी कहा गया है कि सुविधा देने की जानकारी अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएं. मुफ्त वाईफाई की सुविधा देने के लिए जिन इंटरनेट कंपनियों से करार किया जाएगा, उन्हें नेटवर्क को मेंटेन रखना होगा, ताकि वह ठीक से काम करें
मुख्यमंत्री चाहते हैं कि जिस स्थल पर मुफ्त वाईफाई की सुविधा हो वह ठीक से काम करे, केवल दिखावे के लिए मुफ्त वाईफाई जोन नहीं होना चाहिए. वाईफाई की स्पीड क्या हो? यह तय करने का कार्य स्थानीय अधिकारियों को सौंपा गया है. सरकार का मानना है कि इस सुविधा से लोग अपनी जरूरतों के आधार पर किसी भी स्थान पर बैठकर अपना काम कर सकेंगे. मौजूदा समय लोगों को इंटरनेट सुविधा की काफी जरूरत पड़ती है. अभी सूबे के जिन शहरों में मुफ्त वाईफाई की सुविधा दी जा रही है, उसकी खामियों को भी दूर करने का निर्देश दिया गया है.
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