कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच महाराष्ट्र लॉकडाउन की कगार ओर खड़ा है. सीएम उद्धव ठाकरे का अधिकारियों के साथ बैठकों का दौर लगातार शुरू है. लोगों की लापरवाही के चलते लॉक डाउन का रोड मैप तैयार करने की सूचना खुद उद्धव ने दे दी है. लेकिन सहयोगी दल एनसीपी ने लॉक डाउन लगाने पर कड़ी असहमति जताई है.
एनसीपी के मंत्री नवाब मालिक ने कहा है कि, “महाराष्ट्र और एक लॉकडाउन बर्दाश्त नही कर सकता. हमने सीएम को अन्य विकल्पों पर विचार करने की मांग की है. अगर लोग लापरवाही ना बरते तो लॉकडाउन टाला जा सकता है.” इस बयान के बाद साफ है कि एमवीए सरकार में लॉक डाउन को लेकर मतभेद बने हुए है.
सीएम की बैठक में एनसीपी कोटे से डिप्टी सीएम अजित पवार और स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे भी शामिल रहे है. बावजूद उसके पार्टी के स्तर पर एनसीपी लॉकडाउन के खिलाफ खड़ी दिख रही है. ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है की क्या लॉकडाउन के चलते लोगो मे बढ़ते रोष से एनसीपी बचना चाह रही है.
साथ ही उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भी ट्वीट कर उद्धव सरकार के लॉक डाउन के निर्णय पर आपत्ति जताई है. महिंद्रा ने सलाह दी है कि, "लॉक डाउन से गरीब, मजदूर और छोटे व्यापारियों पर गहरा असर पड़ता है. हमने पहले लॉक डाउन लगाया ताकि हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा कर सके. हमें उसी पर फोकस करते हुए मृत्यु दर घटाने पर जोर देना चाहिए." साथ ही चितले ग्रुप्स के पार्टनर इंद्रनील चितले ने ट्वीट के माध्यम से तंज कसा है कि, "वजन घटाने के लिए जो ग्रीन टी काम करता है, वही कोविड को घटाने के लिए नाइट कर्फ्यू करेगा."
इसीलिए आज मंगलवार को सीएम उद्वव ने अधिकारियों की बैठक बुलाई है, जिसमे इकनॉमी और मजदूरों को चोट पहुचाए बिना लॉकडाउन लगाने पर चर्चा होगी. साथ ही लॉक डाउन की SOP's तय की जा सकती है जिससे 2 अप्रैल के बाद लागू करने की तैयारी है.
बता दे महाराष्ट्र में सोमवार को 31,643 कोरोना केसेस और 102 मौते दर्ज हुई है. तो वही मुंबई में 5890, पुणे में 4972 और नागपुर में 3243 नए केसेस पाए गए. पिछले महीनेभर में महराष्ट्र ने लगभग 6 लाख केसेस और 2100 मौते दर्ज हुई है.
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