उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की तरह ही हरियाणा सरकार भी 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून लाने की तैयारी में है. जहां एक ओर सरकार की ये तैयारी है, वहीं दूसरी ओर, एक आरटीआई में खुलासा हुआ है कि हरियाणा में पिछले तीन सालों में 'लव जिहाद' को लेकर केवल चार मामले दर्ज हुए हैं, और इसमें से तीन आरोपी निर्दोष पाए गए हैं.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आरटीआई में खुलासा हुआ है कि राज्य में पिछले तीन सालों में केवल चार मामले दर्ज हुए हैं.
इसमें से दो मामले जांच के बाद पुलिस ने रद्द कर दिए थे, वहीं तीसरे मामले में आरोपी को कोर्ट ने बरी कर दिया था. चौथा मामला कोर्ट में लंबित है.
रिपोर्ट में आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने बताया है कि हरियाणा के हिसार, फरीदाबाद और यमुनानगर में पिछले तीन सालों में लव जिहाद का कोई मामला रिपोर्ट नहीं किया गया. मेवात के पुन्हाना पुलिस स्टेशन में दिसंबर 2020 में दर्ज एक मामले को पुलिस ने जांच के बाद रद्द कर दिया था. वहीं, अंबाला जिले में दर्ज मामला भी पुलिस जांच के बाद कैंसिल हो गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, अंबाला में ही दर्ज एक दूसरे मामले में कोर्ट ने आरोपी को बरी कर दिया था. वहीं, पानीपत जिले के समालखा में जुलाई 2019 में दर्ज एक मामला अभी भी कोर्ट में लंबित है.
रिपोर्ट के मुताबिक, एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने यमुनानगर, हिसार, पानीपत, फरीदाबाद जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों के डेटा मांगा था. उन्होंने खासतौर पर ‘लव जिहाद’ के मामलों से संबंधित शिकायतों और एफआईआर के बारे में जानकारी मांगी थी.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, कपूर ने पुलिस से 'लव जिहाद' शब्द की परिभाषा भी पूछी थी, जिसपर उन्हें कई जिलों से जवाब मिला कि ये इंटरनेट से देखी जा सकती है. वहीं, नूह पुलिस का कहना था कि संविधान में इसे परिभाषित नहीं किया गया है.
हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कुछ दिनों पहले कहा था कि सरकार जल्द से जल्द लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने की तैयारी में है. विज ने कहा था कि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)