जमीयत उलेमा ए हिंद ने मेवात इलाके के पशु ट्रांसपोर्टरों से कहा है कि वे केवल दिन में ही पशुओं को एक जगह से दूसरी जगह ले जाए. संगठन ने एक एडवाइजरी जारी कर रात में पशुओं को ले जाने पर रोक लगाई है. साथ ही कहा है कि अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें इस संगठन के नेताओं से कोई मदद नहीं मिलेगी.
दस्तावेज साथ रखने की सलाह
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मेवाती युवक की पुलिस एनकाउंटर में हुई मौत के 20 दिन बाद जमीयत उलेमा हिंद की तरफ से ये एडवाइजरी जारी की गई है. संगठन ने कहा है कि पशु ट्रांसपोर्टर अपने साथ सही दस्तावेज रखें ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. इस इलाके में गो रक्षकों की निगरानी बढ़ने के दौरान यह एडवाइजरी जारी की गई है.
अलवर में मंगलवार को जमीयत उलेमा ए हिंद की बैठक में संगठन के राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के नेताओं ने हिस्सा लिया. इस बैठक में संगठन के नेताओं ने कहा कि जो कोई भी रात को गाय को एक जगह से दूसरी जगह ले जाएगा, उसे पशु तस्कर माना जाएगा.
पशु मालिकों को सलाह दी गई है कि वे अपने पशुओं को केवल दिन में सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक ही एक जगह से दूसरी जगह ले जाएं.
मेवात के मौलाना यह्या करीमी ने कहा कि पशु मालिक रात और दिन में सफर कर अपना समय और पैसा बचाना चाहते हैं, लेकिन ये उनके लिए काफी खतरनाक साबित हो जाता है. अगर एक निर्दोष आदमी मारा जाता है तो हम न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ेंगे. बता दें कि इसी साल अलवर में पहलू खान को पशु तस्कर बताकर उसकी पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी.
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