झारखंड सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के चलते रविवार देर रात दिशा-निर्देश जारी कर राज्य में नदियों, तालाबों और दूसरे जल स्रोतों के किनारे छठ पूजा कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक लगा दी.
मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता वाली राज्य आपदा प्रबंधन समिति ने नए दिशा-निर्देशों में इस बात की जानकारी दी. इन दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि राज्य में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए सावधानी बरती जा रही है, चूंकि छठ पर्व में सभी लोग बड़ी संख्या में आसपास की नदी, तालाब और दूसरे जल स्रोतों पर जमा होते हैं, इससे लोगों में कोरोना संक्रमण के तेजी से फैलने की आशंका रहेगी.
इसके अलावा कहा गया है कि छठ में लोगों को निश्चित समय पर ही जल स्रोतों में स्नान करना होता है, इसलिए भीड़ को नियंत्रित भी नहीं किया जा सकता है. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने इस साल सार्वजनिक तौर पर छठ पूजा करने और इसके आयोजन, सजावट आदि पर रोक लगाने का फैसला किया है.
मुख्य सचिव के हस्ताक्षर से जारी आदेश में कहा गया है कि नदियों या जल स्रोतों के आसपास दुकान/स्टॉल लगाने, बिजली के बल्बों से सजावट करने और सार्वजनिक जगहों पर पटाखे जलाने पर पूरी तरह से रोक होगी. छठ के मौके पर संगीत और मनोरंजन के सार्वजनिक कार्यक्रमों पर भी पूरी तरह रोक होगी. बता दें कि इस साल 17 नवंबर से 21 नवंबर तक छठ पूजा होनी है.
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