कासगंड सिपाही हत्याकांड में मुख्य आरोपी मोती सिंह को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है. मोती शराब का अवैध धंधा करता था.
9 फरवरी को सिपाही देवेंद्र सिंह की हत्या और एक दरोगा को गंभीर तौर पर घायल करने की घटना में मोती सिंह मुख्य आरोपी था. उस पर एक लाख का इनाम भी घोषित किया गया था.
पिछले 11 दिनों से पुलिस कई टीमें बनाकर मोती और उसके भाईयों की तलाश कर रही थी. शनिवार को थाना सिढ़पुरा, करतला रोड काली नदी के पास पुलिस ने एनकाउंटर में मोती को घायल कर दिया था, जहां से उसे अस्पताल भी पहुंचाया गया था. लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों ने मोती को मृत घोषित कर दिया.
पुलिस टीम पर किया था हमला
कासगंज के एक सामाजिक कार्यकर्ता अमित तिवारी ने हमें सिपाही और दरोगा के साथ हुई उस दिन की घटना की जानकारी दी. कासगंज हत्याकांड पर उन्होंने हमें बताया, "थाना सिढ़पुरा से दोपहर तीन बजे के बाद दरोगा अशोक, सिपाही देवेंद्र के साथ आरोपी मोती सिंह की तलाश में नगला धीमर गांव गए. दरअसल वो कोर्ट से वांछित था जिसकी कुर्की के वारंट की तामील कराने दरोगा गांव में पहुंचे थे. पहले तो मोती सिंह के गैंग ने इन दोनों लोगों को पीटा, फिर बल्लम से मारा. जब मार रहे थे तो चिल्लाने की भी आवाज आ रही थी. ये आवाज सुनकर किसी ने पुलिस को खबर की."
तिवारी आगे बताते हैं, "पुलिस अपने साथियों को जब बचाने आई तो ये आवाजें सुनकर डर गई और वापस चली गई. उसके बाद पुलिस दोबारा ज्यादा लोगों की टीम के साथ पहुंची. सर्च के दौरान पाया गया कि दरोगा के फेफड़े में बल्लम से वार किया गया था. जब उनके मुंह पर ऑक्सीजन लगाई गई तो वो उनकी छाती से बाहर निकल रही थी. सिपाही देवेंद्र गेहूं के खेत में मृत मिले. दोनों बिना वर्दी के मिले, दोनों के कपड़े मोटरसाइकल पर रखे थे."
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