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UP: लखीमपुर खीरी में युवती की मौत का मामला- दरोगा सस्पेंड

Lakhimpur Kheri Rape case: इस मामले की जांच एएसपी करेंगे पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह साफ नहीं है.

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राज्य
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) आरोपियों की पिटाई से घायल युवती की मौत के मामले में कार्रवाई की गई है. लापरवाही मिलने पर एसपी ने हल्का के दरोगा को निलंबित कर दिया है. इस मामले की जांच एएसपी करेंगे पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह साफ नहीं है.

बता दें परिजनों ने आरोप लगाया है था कि आरोपियों ने रेप की कोशिश में नाकाम होने पर युवती की पिटाई की थी और पुलिस ने सही धाराओं में मामला दर्ज नहीं किया और केस को दबाने की कोशिश की.

बता दें शव पर चोटों के छह निशान पाए गए हैं. डॉक्टरों ने बिसरा सुरक्षित कर पुलिस को सौंपा है. दुष्कर्म की पुष्टि के लिए स्लाइड बनाई गई हैं जिनकी जांच की जाएगी.

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यह है पूरा मामला 

थाना भीरा क्षेत्र के एक गांव में 12 सितंबर को सलीमुद्दीन पुत्र लियाकुतद्दीन व आसिफ पुत्र छोटे अली ने रेप करने में असफल होने पर 18 वर्षीय युवती और उसकी मां की जमकर पिटाई कर दी थी. इन्होने किशोरी को हंसिया मारकर घायल कर दिया था. सीएचसी बिजुआ में युवती की शुक्रवार 16 सितंबर की शाम करीब सात बजे मौत हो गई थी. ग्रामीणों के हंगामा करने पर भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे एसपी ने बड़ी मुश्किल से लोगों को शांत कराया था और देर रात शव पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेजा था.

रात भर पुलिस का पोस्टमार्टम हाउस पर पहरा रहा. पोस्टमार्टम होने से पहले ही एएसपी अरुण कुमार सिंह भी पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए.

प्रशासन पर आरोप है कि इस घटना के बाद प्रशासन ने पहले जेसीबी से गड्ढा खुदवाया. फिर JCB से ही युवती के शव पर मिट्टी डालकर शव को पटवा दिया गया. नाकामी छिपाने के लिए धार्मिक मान्यताओं पर प्रशासन ने जेसीबी चलवा दी. हिन्दू धर्माचार्यों में इस मामले को लेकर खासी नाराजगी बनी हुई है.

प्रभारी निरीक्षक सदर चंद्रशेखर सिंह सहित भारी पुलिस बल पहले से ही मौजूद रहा. पोस्टमार्टम तीन डॉक्टरों के पैनल ने सुबह करीब 11 बजे शुरू किया जिसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई. इस पैनल में एक महिला डॉक्टर भी शामिल थी.

एसपी संजीव सुमन ने पीड़ित मां व परिजनों द्वारा सही धाराओं में मुकदमा नहीं लिखने का आरोप लगाने और प्रथम दृष्टया विवेचना में लापरवाही बरतने पर हल्का दरोगा सुनील कुमार को निलंबित किया है. एसपी ने पूरे मामले की जांच एएसपी अरुण कुमार को सौंपी है.

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गैर-इरादतन हत्या व छेड़छाड़ की बढ़ाई गई धारा

पुलिस पर आरोप है कि घटना को लेकर भीरा पुलिस यदि गंभीर होती तो किशोरी की जान बच सकती थी, पुलिस की लापरवाही की वजह से यह युवती जिंदगी की जंग हार गई. पुलिस ने आनन-फानन में गैर इरादतन हत्या और छेड़छाड़ की धारा बढ़ाते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. शनिवार को दोनों आरोपियों का चालान कर कोर्ट में पेश किया, जहां से अदालत ने दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.

घटना की पूरी जानकारी देते हुए एसपी संजीव सुमन ने बताया कि, "घायल युवती का शुरूआती इलाज सीएचसी बिजुआ में किया गया था, जहां से प्राथमिक इलाज के बाद ही वह अपने घर चली गयी थी. शुक्रवार की शाम 03.00 बजे फिर स्वास्थ्य खराब होने पर उसे परिवार के लोग सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिजुआ लाए थे. इलाज के बाद शाम करीब 06.00 बजे वह परिजनों के साथ अपने घर चली गयी थी. घर पर पहुंचने के बाद शाम करीब 07.00 बजे उसकी मौत होने की सूचना पुलिस को मिली थी."

पुलिस ने पीड़िता की मां के रिकार्ड हुए वीडियो बयानों में छेड़छाड़ जैसी बात नहीं बताई है. लोगों का आरोप है कि पुलिस ने पीड़िता की मां की तहरीर ही बदलवा ली और उसे भरोसे में लेकर बयान रिकार्ड किए हैं.

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