'कोरोना वाले बाबा' को पुलिस ने किया गिरफ्तार, 11 रुपये में बेच रहा था ताबीज
उत्तर प्रदेश पुलिस ने लखनऊ से एक फर्जी बाबा को गिरफ्तार किया है, जो कोरोनावायरस को ठीक करने का दावा करते हुए 11 रुपये में ताबीज बेच रहा था. फर्जी बाबा अहमद सिद्दिकी ने डालीगंज स्थित अपनी दुकान के बाहर एक बोर्ड लगा रखा था, जिसपर इस जानलेवा वायरस को ठीक करने का दावा किया गया था. इस बोर्ड पर लिखा हुआ था कि जो लोग मास्क नहीं पहन सकते, वे ये ताबीज पहनकर कोरोना को दूर रख सकते हैं.
CMO ने बताया कि उन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी दी और पुलिस ने आरोपी को धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार किया. ACP विकास चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि आरोपी खुद को 'कोरोना वाले बाबा' बताता था और मासूम लोगों को धोखा दे रहा था.
लखनऊ में अबतक कोरोनावायरस के दो पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं और 11 मरीजों को आईसोलेशन वार्ड में रखा गया है, जिनकी रिपोर्ट का इंतजार है.
AMU ने 22 मार्च तक रद्द किए क्लास
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) ने कोरोनावायरस महामारी के कारण अपनी सभी कक्षाएं 22 मार्च तक स्थगित कर दी हैं. विश्वविद्यालय ने भी परीक्षाओं तो स्थगित किया हैं. इससे पहले विश्वविद्यालय ने अलीगढ़, केरल, मुर्शिदाबाद (पश्चिम बंगाल), किशनगढ़ (बिहार) और दिल्ली के छात्रों के लिए दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रम के कोर्स की परीक्षाएं भी स्थगित कर दी थीं.
AMU प्रशासन के अनुसार, यह निर्णय शनिवार को शीर्ष अधिकारियों की एक विशेष बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने की.
यह निर्णय लिया गया कि सभी सम्मेलन, कार्यशालाएं, सेमिनार, हॉल में होने वाले समारोह और खेल कार्यक्रम 31 मार्च तक स्थगित रहेंगे.
हालांकि विश्वविद्यालय और स्कूलों की परीक्षाएं समय अनुसार आयोजित की जाएंगी. परीक्षाएं 15 मार्च से शुरू होनी हैं. सर्कुलर के अनुसार, सभी शैक्षणिक दौरों को भी 15 अप्रैल तक के लिए टाल दिया गया है और इस मामले में दो हफ्ते बाद स्थिति को देखते हुए पुनर्विचार किया जाएगा.
UP में जल्द ही बर्खास्त होंगे 700 'लापता' सरकारी डॉक्टर : स्वास्थ्य मंत्री
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने रविवार को कहा कि राज्य में लापता हुए 700 सरकारी डॉक्टर जल्द ही बर्खास्त किए जाएंगे. हरदोई के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कछौना के न्यू पीएचसी गौरी खालसा में मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले के निरीक्षण में पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि,
प्रदेश में ऐसे 700 चिकित्सक चिन्हित किए गए हैं जो सरकारी अस्पतालों में नियुक्ति लेने के बाद या तो कहीं दूसरी जगह चले गए हैं या फिर उन्होंने बगैर बताए उच्च शिक्षा लेना शुरू कर दिया है. ऐसे डॉक्टरों की बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू हो गई है और एक डेढ़ महीने में इन सभी की सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी.जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य मंत्री UP
स्वास्थ्य मंत्री ने जानलेवा बने कोरोनावायरस के बारे में कहा कि इस विषाणु से डरने की जरूरत नहीं है और सिर्फ ऐहतियात बरत कर इससे निपटा जा सकता है. देश में इसके 84 और उत्तर प्रदेश में कुल 13 मामले हैं.
भारत इस वायरस से लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा कि भारत-नेपाल सीमा पर और हवाई अड्डों पर थर्मल स्कैनर लगाए गए हैं. बाहर से आने वालों का वीजा भी फिलहाल रोक दिया गया है.
महामारी एक्ट में पहला मामला दर्ज
कोरोनावायरस को महामारी घोषित करने के बाद देश में महामारी एक्ट के तहत पहली FIR आगरा के सदर थाने में दर्ज हुई है. यहां कोरोना संक्रमित मिली एक महिला आइसोलेशन वार्ड से भागकर अपने मायके में छिप गई थी. उसके परिजन ने स्वास्थ्य विभाग और पुलिस से यह बात छिपाई. पुलिस ने महिला के पिता के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस का कहना है, जांच के बाद अन्य परिजन के नाम भी FIR में शामिल किए जा सकते हैं.
जांच में पॉजिटिव आई थी रिपोर्ट
दैनिक भास्कर में छपी खबर के मुताबिक कैंट रेलवे कॉलोनी निवासी रेलवे कर्मचारी की बेटी का विवाह एक माह पहले बेंगलुरु में नौकरी करने वाले युवक के साथ हुआ था. शादी के बाद दोनों हनीमून मनाने के लिए इटली गए थे. इटली से लौटने के बाद पति में कोरोनावायरस की पुष्टि हुई. महिला बीते गुरुवार को आगरा कैंट पहुंची थी. यहां पहुंचने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसे रेलवे अस्पताल में भर्ती करवाया. जहां से उसे जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड भेजा गया.
अलीगढ़ में हुई जांच में महिला में कोरोनावायरस पॉजिटिव पाया गया था. रिपोर्ट आने से पहले ही महिला आइसोलेशन वार्ड से भागकर मायके चली गई थी. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने उसकी तलाश की, लेकिन पता नहीं चला था. पुलिस जब महिला के घरग गई तो परिजन ने बताया कि वह दिल्ली चली गई है. स्वास्थ्य विभाग ने घर के सात अन्य सदस्यों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा, लेकिन वह बेटी की जानकारी छिपाते रहे.
महिला के कई घंटे गायब रहने के मामले में जिला प्रशासन और ने कड़ा रुख अपनाया. पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो परिजन ने बताया कि महिला घर पर ही है. डर के कारण उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से झूठ बोला था.
यूपी की जेलों में कैदी बना रहे मास्क
उत्तर प्रदेश की जेलों में कैदी अब कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए मास्क बना रहे हैं. मथुरा जेल ने योजना बनाई है कि वह अपने कैदियों द्वारा बने 500 मास्क राज्य के अन्य कैदियों में बांटेगी.
जेल महानिदेशक आनंद कुमार ने कहा कि राज्य की 71 में से 55 जेलों में सरकारी डॉक्टरों के दिशानिर्देशों के मुताबिक डिजाइन किए गए मास्क बनाने की सुविधा है.
“16 जेलों में जहां मास्क बनाने की व्यवस्था नहीं है, हमने वहां जेलरों को बाहर से मास्क लाकर कैदियों में बांटने के लिए कहा है. हमने इन-हाउस प्रशिक्षकों से उपलब्ध संसाधनों के जरिए मास्क बनाने को कहा है. यदि कच्चे माल की अपर्याप्तता है तो हम बाजार से इसकी व्यवस्था करेंगे.’’आनंद कुमार, जेल महानिदेशक
बाराबंकी, गाजियाबाद, फिरोजाबाद और गौतम बुद्ध नगर की जिला जेलों में भी मास्क बनने शुरू हो गए हैं. पिछले हफ्ते, 71 जेलों के जेलरों को निर्देश दिया गया था कि वे परिसर में सैनिटाइजर डिस्पेंसर लगाएं और कैदियों को अतिरिक्त साबुन बांटें.
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