पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी नेता ममता बनर्जी ने कहा है कि चुनाव आयोग को मॉडल कोड ऑफ कन्डक्ट (एमसीसी) का नाम बदलकर मोदी कोड ऑफ कन्डक्ट कर देना चाहिए. उनका यह बयान चुनाव आयोग के उस कदम के बाद आया है, जिसके तहत कूचबिहार में राजनीतिक दलों के नेताओं के जाने पर 72 घंटे की रोक लगा दी गई है.
ममता ने रविवार को ट्वीट कर कहा है, ‘’चुनाव आयोग को एमसीसी का नाम बदलकर मोदी कोड ऑफ कन्डक्ट कर देना चाहिए. बीजेपी अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल कर सकती है, लेकिन इस दुनिया में कुछ भी मुझे अपने लोगों के साथ होने और उनका दर्द साझा करने से नहीं रोक सकता. वे मुझे 3 दिनों के लिए कूचबिहार में मेरे भाइयों और बहनों से मिलने से रोक सकते हैं, लेकिन मैं चौथे दिन वहां पहुंचूंगी!’’
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के दौरान कूचबिहार जिले में शनिवार को हुई फायरिंग की घटना में 4 लोगों की जान चली गई थी. इस घटना के बाद बनर्जी ने कहा था कि वह कूचबिहार रवाना होंगी और उस जगह का दौरा करेंगी, जहां केंद्रीय सुरक्षाबल के जवानों ने गोलीबारी की.
बनर्जी ने कहा था, ‘‘(केंद्रीय गृह मंत्री अमित) शाह को इस नृशंस और अप्रत्याशित घटना की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए.’’ इसके अलावा उन्होंने कहा था, ‘‘मुझे इस बात की लंबे समय से आशंका थी कि बल इस प्रकार की कार्रवाई करेंगे. बीजेपी जानती है कि उसने जनाधार खो दिया है, इसलिए वह लोगों को मारने का षड्यंत्र रच रही है.’’
कूचबिहार घटना को ममता ने बताया ‘नरसंहार’
चुनाव आयोग ने कूचबिहार फायरिंग मामले में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को क्लीन चिट दी है. न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, विशेष पर्यवेक्षकों अजय नायक और विवेक दुबे से मिली एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए, आयोग ने कहा, गोलीबारी मतदाताओं की जान बचाने के लिए की गई थी, मतदान केंद्र पर मतदानकर्मियों पर हमला किया गया था, भीड़ ने सुरक्षाबलों के हथियार भी छीनने का प्रयास किया था.
आयोग ने कूचबिहार के एसपी देबाशीष धर की ओर से दिए गए बयान का भी जिक्र किया, जिसमें कहा गया था कि सीआईएसएफ कर्मियों ने आत्मरक्षा में गोली चलाई.
वहीं ममता बनर्जी ने इस घटना को 'नरसंहार' बताया है. उन्होंने कहा है, ''यह नरसंहार है. पैरों या शरीर के निचले हिस्से पर भी गोली मारी जा सकती थी, लेकिन हर गोली गर्दन या सीने के हिस्से में जाकर लगी.''
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)