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UP: अधिकारी ने मां के इलाज का पैसा छीना, युवक ने दी जान  

UP में बेलगाम अफसरों पर कब लगेगी लगाम? 

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राज्य
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उत्तर प्रदेश में सत्ता तो जरूर बदली, लेकिन सरकार का मिजाज लगभग वही है. अब तक राज्य के नौकरशाहों को बेलगाम कहा जाता था, मगर अब इसमें एक और शब्द जोड़ा जा रहा है- 'जानलेवा'. दरअसल यह बात इसलिए कही जा रही है क्योंकि बिजली विभाग के अधिकारियों के टॉर्चर से तंग आकर मुजफ्फरनगर का एक शख्स जान देने पर मजबूर हो गया. इस शख्स ने बिजनौर जिले के कलेक्ट्रेट कैंपस में 9 जुलाई को जहर खाकर जान दे दी. फिलहाल इस मामले में बिजनौर जिला प्रशासन ने मुजफ्फरनगर प्रशासन को रिपोर्ट सौंप दी है.

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क्या है पूरा मामला?

मृतक नीरज कुमार मुजफ्फरनगर के मीरापुर का रहने वाला था. नीरज के रिश्तेदार राजकुमार के मुताबिक, पिछले 1 साल से बिजली विभाग का एक जूनियर इंजीनियर नीरज को परेशान कर रहा था. बिजली काटने के नाम पर वह कई बार नीरज से मोटी रकम वसूल कर चुका था. पिछले दिनों भी उसने नीरज से 20 हजार रुपये जबरदस्ती ले लिए. राजकुमार के मुताबिक, इन पैसों को नीरज ने अपनी मां के इलाज के लिए रखा था.

राजकुमार ने बताया- बिजली विभाग वाले नीरज को उसके घर से नंगे पैर ही उठाकर ले गए थे. इसके बाद नीरज के साथ मारपीट भी की गई थी.

जूनियर इंजीनियर की प्रताड़ना से तंग आकर नीरज ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी, जिसमें उसने राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग की थी.
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मरने से पहले किया बहन को फोन

9 जुलाई को नीरज आंख का इलाज कराने के बहाने बिजनौर पहुंचा. उसने अपनी बहन को फोन किया और कहा कि अब मैं जीना नहीं चाहता. इसके बाद उसने फोन काट दिया.

चश्मदीदों के मुताबिक, नीरज शाम तकरीबन 4 बजे डीएम दफ्तर के बाहर पहुंचा और उसने अचानक जहर खा लिया. जब तक लोग कुछ समझ पाते, उसकी जान चली गई.

नीरज के पास मिले सामानों के आधार पर उसकी शिनाख्त की गई. उसके पास मील बैग से कई प्रार्थना पत्र मिले हैं, जिसमें उसने बिजली विभाग के अधिकारियों की प्रताड़ना का जिक्र किया है.

बेलगाम अफसरों पर लगाम कब?

उत्तर प्रदेश में बेलगाम अफसरों की प्रताड़ना की यह खबर नई जरूर है लेकिन हैरान नहीं करती. यहां रहने वाला हर शख्स किसी न किसी रूप में अफसरों की प्रताड़ना झेलता रहता है. राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार अफसरों पर सख्ती दिखाने की बात तो करते हैं, लेकिन जमीन पर इस सख्ती का असर नहीं दिख रहा. यह असर दिखता तो नीरज जैसे युवक को जान नहीं देनी पड़ती.

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