मुंबई के कस्तूरबा अस्पताल की एक महिला कर्मचारी को कोरोना वायरस का संक्रमण हो गया है. BMC कर्मचारी यूनियन के मुताबिक उल्हास नगर की रहने वाली महिला की उम्र 44 साल है. इस बीच यूनियन ने आरोप लगाया है कि अस्पताल के कर्मचारियों को पूरे सुरक्षा उपकरण नहीं दिए जा रहे.
केंद्र सरकार ने कहा है कि Covid -19 के मरीजों को देखने वाले मेडिकल कर्मियों और अस्पताल के कर्मचारियों के लिए पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट (PPE) बेहद जरूरी है. लेकिन BMC कर्मचारी यूनियन का आरोप है कि कस्तूरबा अस्पताल में इन निर्देशा का पालन नहीं किया जा रहा.
फोर्थ ग्रेड कर्मचारियों को PPE मुहैया नहीं कराया जा रहा. कस्तूरबा अस्पताल में नर्स और डॉक्टर को अच्छी क्वॉलिटी की कीट दी जा रही है लेकिन क्लीनिंग और दूसरे स्टाफ को नहीं. जबकि ये लोग भी समय -समय पर आइसोलेशन वॉर्ड और आईसीयू में जाते हैं. ऐसे में इनकी जान को खतरे में डाला जा रहाहै.संतोष कामली, सचिव, BMC कर्मचारी यूनियन
यूनियन ने इस बारे में अस्पताल के मेडिकल सुप्रीटेंडेट को पत्र लिखकर सही किट देने की गुहार लगाई है.
किसे जरूरत है PPE की सबसे ज्यादा ?
देश में कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए देश में COVID -19 के ख़ास असोलेशन वार्ड, आईसीयू यूनिट तैयार किए गए हैं. जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने इसे लेकर कुछ आदेश जारी किए जिसके मुताबिक़ PPE उन लोगों को इस्तेमाल करना ज़रूरी है जो लोग असोलेशन वार्ड और आईसीयू में COVID -19 मरीजों का इलाज कर रहे हैं या वहां आ जा रहे हैं. उसके पास मास्क, ग्लव्स, एप्रन, गॉगल और शू कवर होना बेहद ज़रूरी है
WHO के अनुसार सफाई कर्मचारियों के लिए भी मास्क, ग्लव्स ,एप्रन और आंखों का प्रोटेक्शन जरूरी है.
बता दें कि महाराष्ट्र में कोविड 19 के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं .महाराष्ट्र में 300 से ज्यादा लोगों को पॉजिटिव पाया गया है. ऐसे में इनका इलाज और देखभाल करने वाले मेडिकल स्टाफ को ज्यादा खतरा है.
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