ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) ने इंजीनियरिंग एजुकेशन सिस्टम में बड़ा बदलाव किया है. इस नए बदलाव के मुताबिक, अब 2021-22 से इंजीनियरिंग के कुछ स्ट्रीम्स में एडमिशन के लिए 12वीं में मैथ्स या फिजिक्स होना जरूरी नहीं होगा. हालांकि, ये साफ कर दिया गया है कि जिन इंजीनियरिंग स्ट्रीम्स में मैथ्स और फिजिक्स जैसे सब्जेक्ट की जरूरत होती ही है, उनके लिए ये बदलाव लागू नहीं होगा. एक उदाहरण के तौर पर बात करें तो बायोटेक्नोलॉजी और टेक्स्टाइल इंजीनियरिंग जैसे कोर्सेज में अब कॉलेज बिना 12वीं में फिजिक्स और मैथ्स वाले स्टूडेंट्स को भी एडमिशन दे सकते हैं.
AICTE के चेयरमैन ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया है कि ये फैसला राज्य सरकारों और इंजीनियरिंग कॉलेजों पर बाध्यकारी नहीं होगा.
नए आदेश से जुड़े आपके कुछ सवालों के जवाब देते हैं
AICTE के नए आदेश में क्या है?
AICTE ने 2021-22 के लिए अप्रूवल प्रोसेस हैंडबुक जारी की है, इसमें अंडरग्रेजुटए एडमिशन के लिए अनिवार्य शर्तों को बदला गया है. अब इंजीनियरिंग के कुछ ब्रांच मेंएडमिशन के लिए 12वीं क्लास में मैथ्स और फिजिक्स विषय रखना जरूरी नहीं होगा. AICTE ने कुछ विषयों की लिस्ट दी है, उनमें से कोई भी 3 सब्जेक्ट रखकर भी स्टूडेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में आसानी से एडमिशन ले सकते हैं.
कैसे चुनना होंगे सब्जेक्ट?
AICTE की 2021-22 के लिए अप्रूवल प्रोसेस हैंडबुक में बताया गया है कि इंजीनियरिंग में एडमिशन के लिए इन सब्जेक्ट्स में से कोई भी 3 सब्जेक्ट्स 12वीं क्लास में होने चाहिए. किसी भी विषय को अनिवार्य नहीं बनाया गया है, सिर्फ कोई भी 3 विषय होना जरूरी हैं.
इन विषयों में से कोई भी 3 विषय चलेंगे-
फिजिक्स, मैथमेटिक्स, कैमेस्ट्री, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंफरमेशन टेक्नोलॉजी, बायोलॉजी, इंफरमेटिक्स प्रेक्टिसेज, बायो टेक्नोलॉजी, टेक्नीकल वोकेशनल सब्जेक्ट, एग्रीकल्चर, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स, बिजनेस स्टडीज, एंटरप्रेन्योरशिप
अगर मैथ्स, फिजिक्स और कैमेस्ट्री में हाथ तंग है तो क्या होगा?
AICTE हैंडबुक के मुताबिक यूनिवर्सिटीज अलग-अलग विषयों के बैकग्राउंड से आने वाले छात्रों को मैथ्स, फिजिक्स और इंजीनियरिंग ड्राइंग जैसे कुछ ब्रिज कोर्सेज ऑफर करेंगी. ताकि छात्र कोर्स से जुड़े उद्देश्य को पूरा कर सकें.
कितना स्कोर करना होगा?
किसी भी छात्र को इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए ऊपर दिए गए सब्जेक्ट्स में औसतन 45% अंक लाने होंगे. (आरक्षित श्रेणी में आने वाले छात्रों को 40%).
AICTE क्या है? इसका काम क्या है?
ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्नीकल एजुकेशन (AICTE) एक सांविधिक निकाय (statutory body) जो राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी से जुड़ी पढ़ाई पर उच्च शिक्षा विभाग को सलाह देता है. AICTE की जिम्मेदारी है कि वो तकनीकी और मैनेजमेंट की शिक्षा को लेकर योजना बनाए.
क्यों हो रही AICTE की आलोचना?
जिन लोगों का हमेशा से मानना रहा है कि सभी तरह की इंजीनियरिंग डिग्री के लिए 12वीं तक मैथ्स फाउंडेशन का काम करता है और ये अनिवार्य होना चाहिए, ऐसे लोग AICTE के इस कदम की जमकर आलोचना कर रहे हैं. वहीं सोशल मीडिया पर इस फैसले को लेकर जमकर मीम शेयर हो रहे हैं.
SASTRA यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर एस विद्यासुब्रमण्यम का कहना है कि- ‘इंजीनियरिंग के ब्रिज कोर्स उन लोगों के लिए होते थे जो मैथ्स में थोड़े कमजोर होते हैं. लेकिन इसके लिए भी 12वीं क्लास की मैथ्स को नहीं हटाया जा सकता. मैथ्स तो सभी कोर्सों के लिए एक तरह से फाउंडेशन है.’
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