असम के तिनसुकिया जिले में लगी आग में ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) दो फायरफाइटर्स की मौत हो गई है. यहां एक तेल के कुएं से पिछले 14 दिनों से गैस रिसाव हो रहा था, जिसके बाद मंगलवार को उसमें आग लग गई और कई घंटे तक आग की भयानक लपटें उठती रहीं.
द हिंदू की खबर के मुताबिक, एनडीआरएफ को 10 जून की सुबह दो फायरफाइटर्स का शव बघजान में एक तालाब से मिला. फायरफाइटर्स की पहचान दुर्लोव गोगोई और बिकेश्वर गोहेन के तौर पर हुई है. दोनों OIL की फायरफाइटिंग यूनिट का हिस्सा थे.
कहा जा रहा है कि OIL के दोनों कर्मचारी आग बुझाने के लिए तालाब में कूदे होंगे, जिसमें डूबने से उनकी मौत हो गई.
OIL के एक अधिकारी ने द हिंदू से कहा, “हमने आज अपने जो लोगों को खो दिया. फोरेंसिक की कमी के कारण अब तक मौत का कारण कुएं के पास के तालाब में डूबना है. चारों ओर गैस के कारण यह घुटन भी हो सकती है.”
OIL अधिकारियों का कहना है कि आग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है, लेकिन इसपर पूरी तरह से काबू पाने में चार हफ्ते लग सकते हैं. असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने उद्योग मंत्री चंद्र मोहन पटोवरी को साइट पर भेजा है.
दो किमी दूर से दिख रही थीं लपटें
ये तेल का कुआं डिब्रू सैखोवा नेशनल पार्क के नजदीक है. स्थानीय लोगों का कहना था कि आग की लपटें कुछ इस तरह से हवा में उठ रही थीं कि दो किलोमीटर दूर से भी लोगों ने इसे देखा.
इस गैस रिसाव और इसके खतरे को देखते हुए पहले ही करीब 650 परिवारों के 2500 लोगों को वहां से हटा दिया गया था. इन सभी लोगों को दूसरी जगहों पर शिफ्ट कर दिया गया. 27 मई से ही हवा में गैस का रिसाव शुरू हो गया था. जिसके बाद राहत बचाव टीमों ने लोगों को वहां से निकालना शुरू किया. ऑयल इंडिया लिमिटेड ने इसके लिए राहत के तौर पर हर प्रभावित परिवार को 30 हजार रुपये देने की बात कही है.
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