बिहार: शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा, 162 हुए बर्खास्त
बिहार के एजुकेशन विभाग में एक बार फिर बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि कई शिक्षकों को गलत तरीके से नियुक्त किया गया. जिसके चलते विभाग ने 162 शिक्षकों को बर्खास्त करने की सूची जारी कर दी है. इसके अलावा कई अन्य शिक्षकों के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं.
जानकारी के मुताबिक एक ही टीईटी सर्टिफिकेट पर कई लोगों ने नौकरी के लिए आवेदन किया. जिसके बाद कई लोगों को इन सर्टिफिकेट के जरिए ही नौकरी मिली. फिलहाल यह जांच पूर्णिया के बनमनखी और रुपौली में जारी है. इससे पहले हाईकोर्ट के निर्देश पर करीब 75 फर्जी शिक्षकों ने खुद ही इस्तीफा दे दिया था.
JDU ने ली कुशवाहा के मांगपत्र पर चुटकी
जेडीयू ने केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के नये रुख का मजाक उड़ाया. बता दें कि कुशवाहा ने नया रुख अपनाते हुए कहा था कि वह सीएम नीतीश कुमार के हाथों हुए कथित अपमान के लिए माफ करो और भूल जाओ वाली नीति अपनाने के लिए तैयार हैं. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव में एनडीए के भीतर सीटों के सम्मानजनक बंटवारे पर अपनी जिद छोड़ने के लिए भी तैयार हैं. इससे पहले कुशवाहा ने सीटों के बंटवारे को लेकर 30 नवंबर तक का अल्टीमेटम दिया था.
उनके इस मांगपत्र पर जद (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि कम से कम केन्द्रीय मंत्री यह देख सकते थे कि उनका बयान गलतियों से भरा न हो. उन्होंने कहा, बिहार शिक्षा के दो मॉडल का गवाह रहा है. एक लालू प्रसाद के चरवाहा विद्यालय था और एक मॉडल नीतीश कुमार का है जिन्होंने आईआईटी पटना, नालंदा विश्वविद्यालय और चाणक्य लॉ कॉलेज जैसे संस्थानों को बनाया.
यूपी-बिहार से आए लोगों को ठाकरे का संदेश
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार से यहां आए लोगों को अपने राज्यों में नेताओं से वहां विकास के अभाव पर सवाल पूछना चाहिए. ठाकरे ने हिंदी में बोलते हुए कहा कि वह अपनी पार्टी के पिछले विरोध प्रदर्शनों के लिए कोई स्पष्टीकरण देने नहीं आए हैं, बल्कि हिंदी में अपने विचार रखने आए हैं ताकि वह बड़ी संख्या में लोगों तक अपनी बात पहुंचा सकें.
ठाकरे ने कहा, मुंबई आने वाले लोगों में ज्यादातर लोग यूपी, बिहार, झारखंड और बांग्लादेश से हैं. मैं सिर्फ ये चाहता हूं कि अगर लोग आजीविका की तलाश में महाराष्ट्र आ रहे हैं, तो उन्हें स्थानीय भाषा और संस्कृति का सम्मान करना चाहिए. उन्होंने कहा, जब भी मैं अपना पक्ष रखता हूं तो यूपी और बिहार के लोगों के साथ विवाद हो जाता है, जिससे सभी मेरी आलोचना करते हैं.
बिहार में माओवादी खुलेआम कर रहे भर्ती
बिहार में एक बड़ी समस्या बनते जा रहे माओवादियों के हौसले बुलंद हैं. अब माओवादियों ने यहां खुलेआम वेकेंसी का ऐलान किया है. बिहार के गया में इसके लिए पोस्टर लगाए गए हैं. इन पोस्टरों में माओवादी युवक और युवतियों से आवेदन कर रहे हैं कि जन मुक्ति छापामार सेना में भर्ती होने के लिए आवेदन करें.
बताया जा रहा है कि पोस्टर में भर्ती की तारीख भी लिखी हुई है. माओवादी ने आवेदन पत्र लेने के लिए गया के हर गांव के स्कूल और सामुदायिक भवन में पेटियां रखी हैं. जिसमें कोई भी अपना आवेदन डाल सकता है. जिसके बाद इन युवाओं को माओवादी सेना में भर्ती किया जाएगा.
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