नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ पश्चिम बंगाल से 15 दिसंबर को भी हिंसा की खबरें सामने आई हैं. इस दौरान उत्तर 24 परगना और नदिया जिलों के अमदंगा और कल्याणी इलाके में प्रदर्शनकारियों ने कई अहम सड़कों को ब्लॉक किया और सड़कों पर लकड़ी के कुंदे जलाए. देगंगा इलाके में दुकानों में तोड़-फोड़ करने के साथ ही टायर भी जलाए गए.
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया है कि 15 दिसंबर को राज्य के 5 जिलों में इंटरनेट सेवा सस्पेंड कर दी गई.
इस अधिकारी के मुताबिक, सरकार ने सोशल मीडिया पर अफवाहों और फेक न्यूज को फैलने से रोकने के लिए मालदा, मुर्शिदाबाद, हावड़ा, नॉर्थ 24 परगना के साथ साउथ 24 परगना जिले के हिस्सों में इंटरनेट सेवा सस्पेंड करने का फैसला किया है.
15 दिसंबर को नदिया में प्रदर्शनकारियों ने कल्याणी एक्सप्रेस हाईवे को ब्लॉक किया और कुछ ने संशोधित कानून की कॉपियां जलाईं. इसी तरह के विरोध प्रदर्शनों की खबर हावड़ा जिले के दोमजुर इलाके, वर्द्धमान और बीरभूम के कुछ हिस्सों से मिली, जहां प्रदर्शनकारियों ने रैलियां निकालीं और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस की बड़ी टुकड़ियों को मौके पर भेजा गया. हालांकि, खबरों के मुताबिक, पिछले दो दिनों के उलट, हावड़ा-सियालदह और खड़गपुर खंडों पर ट्रेनों की आवाजाही सामान्य रही.
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता और राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने प्रदर्शनकारियों से शांति की अपील की है. वहीं, बीजेपी के प्रदेश महासचिव सायंतन बसु ने सत्तारूढ़ टीएमसी पर राज्य में खराब होती कानून-व्यवस्था को काबू करने के लिए बहुत कम कोशिश करने का आरोप लगाया है.
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