उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के झांसी में पुलिस एनकाउंटर में मारे गये पुष्पेंद्र यादव (Pushpendra Yadav Encounter) की पत्नी शिवांगी की खुदकुशी से मौत हो गयी. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है. शिवांगी की मौत पर समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने ट्वीट कर लिखा, "स्व. पुष्पेंद्र यादव की पत्नी की आत्महत्या, सत्ता में विश्वास की हत्या है. किसी को आत्महत्या के लिए मजबूर करना दरअसल हत्या ही है."
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की तरफ से किये गये ट्वीट में कहा गया, "योगी सरकार में फेक एनकाउंटर के कारण उजड़ गया हंसता खेलता परिवार! झांसी में CM के स्वजातीय पुलिसकर्मी द्वारा फेक एनकाउंटर में मृत हुए पुष्पेन्द्र यादव की पत्नी ने न्याय ना मिलने के कारण की आत्महत्या, अत्यंत दुःखद. सदमे में दादी की भी हो चुकी है मौत. CM योगी हैं इसके जिम्मेदार."
कैसे और कब हुई मौत?
जानकारी के अनुसार, शिवांगी यादव पति की मौत के बाद से जालौन के पिपरायां में अपने मायके में रह रही थीं, जहां मंगलवार (28 मार्च) रात उन्होंने फांसी लगा ली, जिससे उनकी मौत हो गयी. हालांकि, शिवांगी यादव ने किस वजह से खुदकुशी की है, इसका स्पष्ट कारण अभी पता नहीं चल पाया है.
कमरे में मिली बॉडी
बुधवार (29 मार्च) सुबह जब शिवांगी अपने कमरे से बाहर नहीं निकली तो मां चतुरा को शक हुआ. उन्होंने कमरे में जाकर देखा तो शिवांगी का शव दुपट्टे से लटका हुआ मिला, जिसके बाद उनके होश उड़ गये. परिजनों ने तुंरत घटना की सूचना आटा थाने को दी. थाना अध्यक्ष अर्जुन सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है. पुलिस ने घरवालों का बयान ले लिया है और आगे की कार्रवाई में जुटी है.
क्या है पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर केस?
दरअसल, झांसी पुलिस ने आरोप लगाया था कि पुष्पेंद्र अपने दो साथियों के साथ 5 अक्टूबर, 2019 की रात वह मोठ थाने के इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह चौहान पर हमला करने के बाद उनकी कार लूटकर भाग रहा था. जिसके चलते पुलिस ने पुष्पेंद्र को गुरसराय थाना क्षेत्र में एक मुठभेड़ में कथित तौर पर मार दिया था. पुलिस के मुताबिक उसके 2 साथी भाग निकले थे. पुलिस का ये भी आरोप है कि पुष्पेंद्र की कार से दो तमंचे कारतूस और मोबाइल भी बरामद किए गए
परिवार वालों ने HC में दायर की थी अपील
साल 2019 में झांसी में पुष्पेंद्र यादव का एनकाउंटर हुआ था. इस एनकाउंटर को फर्जी बताकर पत्नी शिवांगी यादव और परिवार के सदस्यों ने इलाहाबाद हाई कोट में अपील दयार की थी, जिसमें एनकाउंटर करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्यवाही करने का कोर्ट ने आदेश दिया था.
पुष्पेंद्र यादव के एनकाउंटर पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की चीफ मायावाती ने यूपी की योगी सरकार को घेरा था.
पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर में कितने केस दर्ज हुए?
इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर पांच महीने पहले मोठ में एक मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसमें पुष्पेंद्र की पत्नी शिवांगी यादव वादी थी. इस केस में तत्कालीन मोठ कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र चौहान के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसकी जांच CB CID कर रही है. झांसी के गुरसराय थाने में भी पुष्पेंद्र के भाई ने एक मामला दर्ज कराया था.
कौन था पुष्पेंद्र यादव?
पुष्पेंद्र यादव झांसी के करगुआं गांव का निवासी था. उसके पिता CISF में थे. पिता की आंखों की रोशनी चले जाने के बाद पुष्पेंद्र के बड़े भाई रवींद्र को उनकी जगह नौकरी मिल गई थी, जबकि पुष्पेंद्र का एक और भाई दिल्ली मेट्रो में नौकरी करता है. बताया जाता है कि पुष्पेंद्र के पास दो ट्रक थे, जिनसे वो बालू और गिट्टी की ढुलाई करता था.
शादी के 4 महीने बाद पुष्पेंद्र का हुआ था एनकाउंटर
जानकारी के अनुसार, जालौन के आटा थाना क्षेत्र के ग्राम पिपराया निवासी राकेश यादव ने अपनी बेटी शिवांगी (25) की शादी, साल 2019 में झांसी के करमुखा निवासी पुष्पेंद्र यादव से की थी. शादी के 4 महीने बाद ही, 5 अक्टूबर को झांसी जिले में ही पुलिस ने पुष्पेंद्र यादव को एनकाउंटर में मार गिराया था.
(इनपुट- विवेक मिश्रा)
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