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Varanasi: राजस्थान के 16 ऊंटों में से 4 की मौत, कोर्ट ने दोबारा कहा-वापस भेजो

Varanasi Camel Smuggling: रामनगर थाना पुलिस ने इस साल 27 जून को भीटी के पास NH-1 पर एक ट्रक से 16 ऊंटों को पकड़ा था.

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राज्य
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी (Varanasi) में फंसे ऊंट (Camel) कब राजस्थान भेजे जाएंगे, ये एक बड़ा सवाल है. इस मामले में पहले भी कोर्ट ने ऊंटों को वापस भेजने को कहा था. लेकिन 5 महीने बीत जाने के बाद भी ऊंटों की घर वापसी नहीं हुई है. अब कोर्ट ने दोबारा इन ऊंटों को राजस्थान भेजने का आदेश दिया है.

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हम क्या जानते हैं: इस साल 27 जून को रामनगर थाना पुलिस ने पश्चिम बंगाल ले जाए जा रहे 16 ऊंटों को एक ट्रक से पकड़ा था. मौके से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. पकड़े गए ऊंटों को रामनगर थाना क्षेत्र में ही रखा गया था. इसके बाद गौ-ज्ञान फाउंडेशन ने ऊंटों की बिगड़ती तबीयत का मुद्दा उठाया था और कोर्ट से सभी ऊंटों को वापस राजस्थान के सिरोही भेजने की अपील की थी.

8 जुलाई को वाराणसी के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, कोर्ट नंबर-1 ने आदेश दिया कि ऊंटों की अंतरिम कस्टडी गौ-ज्ञान फाउंडेशन को सौंपी जाए. कोर्ट ने कहा कि वाराणसी के जिलाधिकारी सभी ऊंटों को सकुशल सिरोही स्थित पीपुल फॉर एनिमल आश्रय स्थल पहुंचाने की व्यवस्था कराएं. बावजूद इसके ऊंट टस से मस नहीं हुए.

इसके बाद क्या हुआ?: कोर्ट के आदेश की अवहेलना पर डीएम को कारण बताओ नोटिस जारी किया. डीएम ने जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया. जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया. इसके बाद गौ ज्ञान फाउंडेशन इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया.

15 सितंबर में हाई कोर्ट ने जिला अदालत को आदेश दिया कि हर हालत में महीने के आखिर तक मामले का निस्तारण करें. आखिरकार जिला अदालत ने ऊंटों को गौ-ज्ञान फाउंडेशन के खर्च पर राजस्थान के सिरोही भेजने और फाउंडेशन को कस्टडी देने का आदेश दिया.

1 दिसंबर को एसीजेएम-प्रथम, नीतेश कुमार सिन्हा की अदालत ने दोबारा ऊंटों को राजस्थान के सिरोही भेजने का फैसला दिया है.

Varanasi Camel Smuggling: रामनगर थाना पुलिस ने इस साल 27 जून को भीटी के पास NH-1 पर एक ट्रक से 16 ऊंटों को पकड़ा था.

कोर्ट की ऑर्डर कॉपी

(फोटो: क्विंट)

ऊंटों को क्यों नहीं भेजा गया?: 16 ऊंटों को राजस्थान के सिरोही भेजने के अदालत के आदेश के बाद जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने एक आदेश जारी कर कहा था कि हमारे पास जानवरों के स्थानांतरण का बजट नहीं है.

भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने क्या कहा है?: भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने भी ऊंटों को जल्द से जल्द राजस्थान भेजने का आदेश जिलाधिकारी वाराणसी को दिया है. इसके साथ ही ऊंटों की मौत के लिए दोषियों पर कार्रवाई का निर्देश भी दिया है.

अपने आदेश में AWBI नें स्पष्ट तौर पर कहा है कि ऊंटों को किसी भी कार्य- घरेलू या सफारी के लिए कानूनन दूसरे राज्यों में नहीं लाया जा सकता है.

ऊंटों की मौत का जिम्मेदार कौन?: गौ-ज्ञान फाउंडेशन के अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने बताया कि 31 अगस्त को पुलिस द्वारा तैयार रिपोर्ट मिला था. जिसके मुताबिक दूसरे ऊंट की मौत भी 29 अगस्त को हो गई थी. उन्होंने बताया कि पुलिस ने कोर्ट के आदेश के विरुद्ध जाकर स्थानीय पशुपालकों को बचे 15 ऊंटों की कस्टडी 20 अगस्त को दे दिया था. जिनमें से दूसरा ऊंट 29 अगस्त को मर गया. दो अन्य ऊंट नवंबर महीने तक मर चुके हैं. इस तरह से अब तक 4 ऊंटों की मौत हो चुकी है.

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इस मामले में प्रथम दृष्टया रामनगर थानाध्यक्ष पर सीधे तौर पर कोर्ट के अवमानना का मामला बनता है. एसीजेएम-प्रथम, जिला और सत्र न्यायालय के आदेश के मुताबिक ऊंटों की अंतरिम कस्टडी गौ-ज्ञान फाउंडेशन को देनी थी. लेकिन पुलिस ने गैर-कानूनी रुप से दूसरे लोगों को ऊंट सौंप दिए.

ऊंटों के मौत के मामले में आरोपियों के खिलाफ पशुओं के प्रति क्रुरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 के तहत मुकदमा भी दर्ज होगा.

नए आदेश में क्या है?:

  • अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम-प्रथम) नीतेश कुमार सिन्हा की अदालत ने जीवित बचे 12 ऊंटों की अंतरिम अभिरक्षा गौ-ज्ञान फाउंडेशन को सौंपने के आदेश दिए हैं.

  • एसीजेएम कोर्ट ने अब गौ ज्ञान फाउंडेशन को अपने खर्च पर ऊंटों को राजस्थान के सिरोही पहुंचाने का आदेश दिया है.

  • कोर्ट ने डीएम वाराणसी को ऊंटों के भोजन, चिकित्सा और अन्य आवश्यकताओं का ध्यान रखने का आदेश दिया है.

गौ-ज्ञान फाउंडेशन के अधिवक्ता सौरभ तिवारी के कहा कि हम बचे 12 ऊंटों को जल्द राजस्थान जल्द लेकर जाएंगे और 4 ऊंटों के मौत के दोषियों पर कानून सम्मत कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे.

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