राजस्थान सरकार ने देर रात एक आदेश में जयपुर हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर को सस्पेंड कर दिया, जिनके पति सुशील गुर्जर को शनिवार, 5 जुलाई को राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (anti corruption bureau) ने भूमि पट्टा जारी करने के बदले कथित तौर पर 2 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था. इसके साथ ही मुनेश गुर्जर को जयपुर के हेरिटेज निगम में उनकी नगर निकाय सीट वार्ड नंबर 43 से भी सस्पेंड कर दिया गया है.
आदेश ने कहा गया है कि मेयर के पति को मेयर के आवास पर रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था, जबकि वह वहां मौजूद थीं, और आवास से ₹ 40 लाख नकद बरामद किए गए थे, ऐसा प्रतीत होता है कि मेयर शामिल थीं और मामले की जांच को प्रभावित कर सकती हैं.
शिकायत के आधार पर अधिकारियों ने सुशील गुर्जर को किया गिरफ्तार
एसीबी ने सुशील गुर्जर के साथ दो अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है और उनसे दो दिनों तक पूछताछ की जाएगी. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच चल रही है.
पुलिस में दर्ज एक शिकायत में दावा किया गया कि सुशील गुर्जर, अपने सहयोगियों नारायण सिंह और अनिल दुबे के माध्यम से, एक भूखंड के लिए पट्टे के आवेदन को जल्द मंजूरी देने के लिए शिकायतकर्ता से ₹ 2 लाख की मांग कर रहा था.
सुशील गुर्जरन के घर की तलाशी के दौरान अधिकारियों को 40 लाख रुपये से अधिक रुपये नकद मिले. नारायण सिंह के घर से 8 लाख रुपये से अधिक नकद बरामद किये गये. नोट गिनने के लिए बैंक से काउंटिंग मशीन मंगवाई गई.
बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि "यह लूट और झूठ की सरकार है और मुख्यमंत्री के पैरों में नहीं बल्कि उनकी आंखों पर पट्टियां बंधी हैं."
वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा कि...
"राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा मेयर के पति को गिरफ्तार करना अपने आप में इस बात का संकेत है कि सरकार भ्रष्टाचार पर नकेल कसने को लेकर गंभीर है. उन्होंने कहा कि "एसीबी केवल राजस्थान में ही इस तरह का काम करती है, अन्य राज्यों में उन्हें अनुमति नहीं मिलती है. हमने कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्यों और अब मेयर के पति को गिरफ्तार किया है."
महापौर से दूरी बनाते नजर आए गहलोत के मंत्री
नगर निगम जयपुर हेरिटेज में कांग्रेस का बोर्ड है. जून में मुनेश गुर्जर और कुछ अन्य कांग्रेस पार्षदों ने निगम के तत्कालीन आयुक्त के खिलाफ प्रदर्शन किया था और उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. उन्होंने अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर निगम मुख्यालय में धरना भी दिया था.
साल 2019 में कांग्रेस सरकार ने कोटा और जयपुर जैसे शहरों में दो नगर निगम बनाए. राजनीतिक रूप से इसे सत्तारूढ़ दल द्वारा उन शहरों और नगर निगमों पर बीजेपी की पकड़ ढीली करने के कदम के रूप में देखा गया जो उनके पारंपरिक वोट बैंक रहे हैं.
जयपुर के हेरिटेज सिटी और ग्रेटर जयपुर में दो मेयर हैं, कांग्रेस से मुनेश गुर्जर और बीजेपी से सौम्या गुर्जर. विडंबना यह है कि दोनों गलत कारणों से खबरों में हैं, दोनों के पतियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं.
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