मुंबई की एक अदालत ने शनिवार, 9 अप्रैल को महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के 110 प्रदर्शनकारी कर्मचारियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जिन्हें शुक्रवार को NCP प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) के आवास के बाहर हिंसक विरोध करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. अदालत ने सभी प्रदर्शनकारियों की जमानत याचिका भी खारिज कर दी.
गामदेवी पुलिस ने शनिवार दोपहर भारी बंदोबस्त के बीच प्रदर्शनकारियों को आजाद मैदान के पास अदालत में पेश किया था. हिरासत में लिए गए हड़ताली कर्मचारियों के कानूनी वकील गुणरत्न सदावर्ते को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.
इससे पहले महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना ने शनिवार को सीधे आरोप लगाते हुए विपक्षी भारतीय जनता पार्टी पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के घर पर शुक्रवार शाम हुए हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया.
राज्य के एक मंत्री ने कहा कि यह वरिष्ठ नेता और उनके परिवार को शारीरिक नुकसान पहुंचाने की एक भयावह योजना थी. वहीं दूसरी ओर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इस घटना की निंदा की है.
आवास मंत्री डॉ जितेंद्र आव्हाड ने चौंकाने वाला दावा किया कि हमले का पूरा उद्देश्य पवार, उनकी पत्नी और उनके सिल्वर ओक्स बंगले में उस समय मौजूद परिवार के अन्य सदस्यों को शारीरिक नुकसान पहुंचाना था.
मंत्री ने कहा कि सौभाग्य से, राज्य के लाखों लोगों के आशीर्वाद से पवार साहब या उनके परिवार के सदस्यों के साथ कुछ भी अनहोनी नहीं हुई.
एनसीपी के राज्य प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि हमला एमवीए सरकार को अस्थिर करने के इरादे से एक पूर्व नियोजित और राजनीतिक रूप से प्रेरित साजिश थी. उन्होंने चेतावनी दी कि पार्टी के कार्यकर्ता मूक दर्शक नहीं रहेंगे.
उन्होंने कहा, एक तरफ, राज्य परिवहन कर्मचारियों ने बड़े जश्न के साथ बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया. फिर उन्होंने अचानक पथराव और जूते फेंकने का फैसला कैसे किया? अनिल बोंडे और अन्य भाजपा नेता कर्मचारियों को गुमराह कर रहे हैं जो बहुत खेदजनक है.
परिवहन कर्मचारियों का आंदोलन कोई आंदोलन नहीं पूर्व नियोजित हमला था- संजय राउत
पवार से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए, शिवसेना सांसद और मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि शुक्रवार को परिवहन कर्मचारियों का आंदोलन कोई आंदोलन नहीं था, बल्कि दक्षिण मुंबई में सिल्वर ओक्स बंगले में राकांपा नेता के आवास पर एक क्रूर, पूर्व नियोजित हमला था.
उन्होंने कहा, यह खेदजनक है कि विपक्ष (भाजपा) इस तरह के कृत्यों का समर्थन कर रहा है। वे एमवीए सरकार को निशाना बनाने और राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ने के लिए राजनीति के निचले स्तर तक गिर रहे हैं.
आंदोलनकारी महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के कर्मचारियों के नेता और वकील गुणरतन सदावर्ते पर निशाना साधते हुए राउत ने उन लोगों के बारे में जानने की मांग की, जिनका हाथ इस घटनाक्रम के पीछे हैं. उन्होंने कहा कि उन लोगों को सामने आए जाने की जरूरत है, जो उन्हें आर्थिक रूप से समर्थन दे रहे हैं.
यहां तक कि जब एमएसआरटीसी के कई कर्मचारी छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) पहुंचे, तो उन सभी के पास प्लेटफॉर्म टिकट थे और राउत ने पूछा कि वे सभी एक साथ स्टेशन में प्रवेश के लिए टिकट कैसे खरीद सकते हैं और इसके लिए पैसा किसने मुहैया कराया था?
राउत ने आरोप लगाया कि एमवीए सरकार को गिराने के भयावह उद्देश्य के साथ एक श्रमिक आंदोलन की आड़ में भाजपा द्वारा सदावर्ते का इस्तेमाल किया गया है, लेकिन वे सफल नहीं होंगे.
इस बीच, हमले के सिलसिले में कल देर रात गिरफ्तार किए गए सदावर्ते और लगभग 100 से अधिक लोगों को मुंबई मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा.
एमएसआरटीसी के 100-125 कर्मचारियों ने, जो कि नवंबर 2021 से ही प्रदर्शन कर रहे हैं, पवार के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने इस दौरान पवार के घर पर पत्थरों और जूते-चप्पलों से सटीक हमला किया, जिससे राज्य और राष्ट्रीय राजनीति में हलचल पैदा हो गई.
अचानक हुए हमले के लिए खुफिया विफलता का आरोप भी लगाया गया है, जिसमें पुलिस की भूमिका की जांच और कथित रूप से देरी से प्रतिक्रिया की मांग की गई है. यह भी कहा जा रहा है कि जब मीडिया के लोगों को अग्रिम सूचना मिल गई थी और वे समय पर घटनास्थल पहुंच गए थे, तो फिर पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई क्यों नहीं की.
इस घटना का मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित उच्चतम स्तर पर संज्ञान लिया गया है, जबकि गृह मंत्री दिलीप वालसे-पाटिल ने हमले में पुलिस रिपोर्ट का आदेश दिया है.
मुंबई पुलिस ने अब एहतियात के तौर पर मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री अनिल परब, मुंबई और बारामती (पुणे) में पवार परिवार के घरों और अन्य नेताओं सहित प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों के घरों पर सुरक्षा बढ़ा दी है.
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