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Shrikant Tyagi, दो मंत्री और एक विधायक: बीजेपी के लिए फजीहत के 4 किरदार

योगी के मंत्री संजय निषाद के खिलाफ भी कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है.

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उत्तर प्रदेश में योगी सरकार एक तरफ कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार करने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ उन्हीं के मंत्रियों और करीबियों ने सरकार की फजीहत करवा रखी है. नोएडा से लेकर कानपुर और अयोध्या तक सरकार को कटघरे में खड़ा करने में मंत्रियों और विधायकों ने कोई कसर नहीं छोड़ी है.

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किरदार नं 1: दोषी ठहराए जाने के बाद आदेश की मूल प्रति लेकर फरार होने का मंत्री राकेश सचान पर आरोप

कानपुर में सूबे के मंत्री राकेश सचान के ऊपर गंभीर आरोप लगे. कानपुर की अदालत में मंत्री जी के खिलाफ शस्त्र अधिनियम में एक मामला विचाराधीन था और 6 अगस्त को इसमें सजा का ऐलान होना था. लेकिन, अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद मंत्री राकेश सचान अचानक गायब हो गए थे.

6 अगस्त की शाम कोर्ट की रीडर कामिनी द्वारा कोतवाली में दी गई तहरीर में मंत्री राकेश सचान पर कोर्ट के आदेश की मूल प्रति लेकर फरार होने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी.

हालांकि, 8 अगस्त को मंत्री राकेश सचान ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया. कोर्ट ने मामले की सुनवाई पूरी करते हुए मंत्री राकेश सचान को एक साल का साधारण कारावास और 1500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. इसके साथ ही कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी को मंजूर करते हुए 20-20 हजार के दो बंधपत्र और एक निजी मुचलके पर रिहा किया.

किरदार नं 2: योगी के मंत्री संजय निषाद के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी

वहीं, चारों तरफ से बढ़ रही मुश्किलों में एक आहुति उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री संजय निषाद ने भी दी है. उनके खिलाफ गोरखपुर की एक स्थानीय अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया है.

इसके साथ ही गोरखपुर CJM कोर्ट ने मत्स्य पालन मंत्री संजय निषाद को 10 अगस्त तक गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश भी दिया है.

मंत्री संजय निषाद पर 2015 में निषादों के आरक्षण देने की मांग के आंदोलन के दौरान उग्र होने पर मुकदमा दर्ज हुआ था. उन पर भीड़ को भड़काने का आरोप है.

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किरदार नं 3: राम मंदिर की जमीन पर घपलेबाजी, BJP नेताओं की नाम वाली लिस्ट वायरल

अयोध्या में भी सरकार अपने लोग और करीबियों की वजह से लगातार आलोचना का शिकार हो रही है. वैसे तो राम मंदिर पर 40 साल बाद काम शुरू हुआ है. लेकिन, उसके अगल-बगल जमीन के खेल ने काफी तेजी पकड़ ली है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रही अयोध्या प्राधिकरण की अवैध कॉलोनियों की एक लिस्ट में कई रसूखदारों के नाम होने से सनसनी मच गई है.

वायरल हो रही इस लिस्ट का सत्यापन नहीं कराया जा सका है, लेकिन अगर इसमें नामों की बात करें तो बीजेपी के वर्तमान विधायक और मेयर से लेकर सत्ता के कई करीबियों के नाम हैं.

इस लिस्ट को लेकर अयोध्या प्रशासन की ओर से अभी तक आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन विरोधियों ने सरकार के ऊपर तीखा प्रहार करना शुरू कर दिया है.

किरदार 4: श्रीकांत त्यागी के "वचन" से बैकफुट पर बीजेपी

कुछ ऐसी ही डंवाडोल स्थिति गौतमबुद्ध नगर में भी है. यहां पर कथित बीजेपी नेता श्रीकांत त्यागी द्वारा अपनी सोसाइटी की एक महिला के साथ किए गए अभद्रता और दुर्व्यवहार के मामले में सरकार की काफी किरकिरी हुई है.

वीडियो वायरल होने के बाद जहां बीजेपी ने अपने आप को इस विवाद से दूर करने की पुरजोर कोशिश की, लेकिन त्यागी की वरिष्ठ बीजेपी नेताओं के साथ तस्वीरें पार्टी को असमंजस की स्थिति में डाले हुए है.

रविवार को त्यागी के समर्थकों द्वारा किए गए बवाल के बाद सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया नजर आई.और एक बार फिर विरोधियों को सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया.

इस मामले में सरकार की किरकिरी होते देख आला अधिकारियों को कमान दे दी गई है. डैमेज कंट्रोल करते हुए नोएडा प्रशासन ने त्यागी का अवैध कब्जा आज बुलडोजर से जमींदोज कर दिया गया. महिला से बदसलूकी में हुए मुकदमे में त्यागी अभी फरार है. सात समंदर पार से अपराधियों को ढूंढ कर एनकाउंटर में ढेर करने वाली उत्तर प्रदेश की पुलिस अभी तक त्यागी को ढूंढने में असफल रही है.

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