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UP में वीकेंड लॉकडाउन का दावा झूठा, शेयर करने पर होगी कार्रवाई

सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश में वीकेंड लॉकडाउन लगने का दावा किया जा रहा है 

Published
राज्य
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उत्तर प्रदेश में वीकेंड लॉकडाउन लगने की अफवाहें सोशल मीडिया पर तेजी से फैलाई जा रही हैं. कुछ सोशल मीडिया यूजर इससे संबंधित फेक पोस्ट बनाकर शेयर कर रहे हैं. अब राज्य के अपर मुख्य सचिन सूचना नवनीत सहगल ने कहा है कि वीकेंड लॉकडाउन के पोस्ट फेक हैं और अफवाहें फैलाने वाले लोगों पर सरकार मुकदमा दर्ज कराएगी.

बता दें कि यूपी में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है. 12 अप्रैल को राज्य 13,685 नए कोरोना वायरस मामले सामने आए हैं. राज्य में एक्टिव इंफेक्शन की कुल संख्या 81576 है.

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500 से ज्यादा एक्टिव केस वाले जिलों में नाइट कर्फ्यू

इससे पहले 11 अप्रैल को योगी आदित्यनाथ सरकार ने उन जिलों में रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक 'कोरोना कर्फ्यू' लगाने का ऐलान किया था, जिनमें हर रोज 100 से ज्यादा COVID-19 केस मिल रहे हैं या जहां कुल एक्टिव केस की संख्या 500 से ज्यादा है. इसके अलावा सीएम योगी ने पहली से 12वीं कक्षाएं और कोचिंग सेंटर भी स्थगित रखे जाने का भी आदेश दिया था.

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न तो तालाबंदी करेंगे, न लोगों को मरने देंगे: योगी आदित्यनाथ

12 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम 11 की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि वह न तो तालाबंदी करेंगे और न ही लोगों को दुख में मरने देंगे. इसी के साथ सीएम ने ये भी कहा था कि यह सुनिश्चित करना अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि राज्य में मरीजों के लिए अस्पताल के बेड की कमी नहीं हो.

निजी अस्पतालों में निर्धारित दरों से अधिक शुल्क वसूलने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, "पीड़ितों पर खास ध्यान रखने की जरूरत है. गलत और भ्रामक जानकारी देने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी."

उन्होंने 15 मिनट में एम्बुलेंस के लिए प्रतिक्रिया समय निर्धारित किया है. उन्होंने एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र को महामारी के खिलाफ लड़ाई का केंद्र बिंदु बनाने और इसकी गतिविधि की एक-एक निगरानी रखने पर जोर दिया है.

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कोविड मरीजों की परीक्षण रिपोर्ट में कोई देरी न करें. उन्होंने जरूरत पड़ने पर निजी प्रयोगशालाओं से मदद लेने या पूरी तरह से उनका फायदा और उन्हें आवश्यक राशि का भुगतान करने का सुझाव दिया, लेकिन किसी भी परिस्थिति में परीक्षण रिपोर्ट में देरी नहीं होनी चाहिए.

उन्होंने प्रयोगशाला और परीक्षण क्षमताओं के विस्तार के लिए भी कदम उठाने पर जोर दिया, साथ ही अधिकारियों को आरटी-पीसीआर परीक्षण क्षमता 70 प्रतिशत तक बढ़ाने का निर्देश दिया.

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