उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में सब्जी बेच रहे एक लड़के की कोरोना लॉकडाउन के उल्लंघन के आरोप में पुलिस की कथित पिटाई और प्रताड़ना से मौत हो गई. इस मामले में आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या के आरोप में FIR दर्ज की गई है.
क्या है पूरा मामला?
उन्नाव के बांगरमऊ थाना क्षेत्र के मोहल्ला भटपुरी का रहने वाला फैसल (18) ठेले पर सब्जी लेकर फेरी लगाता था. बताया जा रहा है कि शुक्रवार शाम तकरीबन 4 बजे पुलिस जैसे ही लॉकडाउन के उल्लंघन की बात कहकर उसकी ओर बढ़ी तो वह भागने लगा. आरोप है कि पुलिस ने उसे दौड़ाकर पकड़ा और पीटते हुए कोतवाली ले गई. वहां भी उससे मारपीट की बात कही जा रही है.
आरोप के मुताबिक, पुलिस की पिटाई के दौरान अचानक उसकी हालत बिगड़ गई ,यह देख उसे स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया तो डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया.
फैसल के चाचा मिराज का आरोप है, ''पुलिस ने कोतवाली में उसकी बर्बरता से पिटाई की, जिससे उसकी मौत हुई है''
घटना से गुस्साए परिजनों और स्थानीय लोगों ने हरदाई मार्ग जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया. मामले की सूचना से उच्चाधिकारियों के हाथ पांव फूल गए. भीड़ को काबू में करने के लिए आनन-फानन में कई थानों की पुलिस फोर्स बुला ली गई.
प्रदर्शन कर रहे लोग आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने, पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने और घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग कर रहे थे.
इसके बाद एसपी आनंद कुलकर्णी के निर्देश पर आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या के आरोप में FIR दर्ज की गई. दो सिपाही और एक होमगार्ड के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया. एसपी ने आरक्षी विजय चौधरी को सस्पेंड करने के साथ-साथ होमगार्ड सत्यप्रकाश को बर्खास्त कर दिया.
पुलिस का क्या कहना है?
अपर पुलिस अधीक्षक उन्नाव शशि शेखर सिंह के मुताबिक, ''सब्जी मंडी से खबर आई थी कि वहां लॉकडाउन के नियम का पालन नहीं हो रहा है. जिसके बाद कोतवाली से दो सिपाहियों को मोटरसाइकिल से भेजा गया था. फैसल को मोटरसाइकिल पर बिठाकर पुलिस अपने साथ ले आई थी. कोतवाली में फैसल की तबीयत खराब होती है और वह गिर जाता है. कोतवाली के सीसीटीवी फुटेज में सारा मामला रिकॉर्ड है.''
मामला दर्ज होने के बाद परिजनों को मनाकर पुलिस ने शव को देर रात पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया.
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