उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों (UP Elections 2022) से पहले राज्य में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है. अभी कुछ दिनों पहले ही बीजेपी (BJP) में एक के बाद एक मुलाकातों का दौर चल रहा था. वहीं, अब समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और AAP सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) की मुलाकात ने नई हलचल पैदा कर दी है. 3 जुलाई को संजय सिंह लखनऊ में अखिलेश यादव के दफ्तर पहुंच गए. दोनों नेताओं की साथ में मुस्कुराते हुए एक फोटो भी सामने आई है.
दोनों की मुलाकात ने यूपी विधानसभा चुनावों के लिए AAP और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन को हवा दे दी है. हालांकि, सामजवादी पार्टी (SP) ने इससे इनकार किया है और कहा है कि दोनों की मुलाकात अनौपचारिक थी. SP की प्रवक्ता जूही सिंह ने कहा,
"संजय जी एक समय पर पार्टी (SP) के साथ थे, और दोनों नेता पहले करीब थे. वो इससे पहले भी मिलते रहे हैं. अभी तक, राजनीतिक पर कोई आधिकारिक बात नहीं है."
वहीं, आम आदमी पार्टी ने कहा कि ये एक शिष्टाचार मुलाकात थी और सिंह, SP प्रमुख को जन्मदिन की बधाई देने के लिए कार्यालय गए थे.
पंजाब विधनासभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी AAP, उत्तर प्रदेश में भी अपने पैर जमाने में लगी है. संजय सिंह, उत्तर प्रदेश में AAP प्रभारी है. इसलिए SP प्रमुख के साथ उनकी मुलाकात पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं.
छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन करेंगे अखिलेश
अखिलेश यादव ने साफतौर पर कहा है कि 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए SP बड़ी पार्टियों से परहेज करेगी और छोटे दलों के साथ गठबंधन बनाएगी. RLD के SP गठबंधन का हिस्सा होने की संभावना है.
मायावती ने किया पलटवार
बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने 2 जुलाई को समाजवादी पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि पार्टी की कार्यशैली और दलित विरोधी विचारधारा ने उसे उत्तर प्रदेश में छोटे दलों के साथ गठबंधन करने के लिए मजबूर किया है. मायावती ने समाजवादी पार्टी को 'असहाय' बताते हुए कहा कि उसके दलित विरोधी रवैये ने सभी प्रमुख पार्टियों को इससे दूर कर दिया है.
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