यूपी में अब तक 10536 कोरोना केस
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. रविवार को 433 नए केस सामने आए, जिससे कुल मामलों की संख्या बढ़कर 10536 तक जा पहुंची. संक्रमण से अब तक 275 लोगों की जान जा चुकी है. राहत की बात यह है कि 6185 लोग संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं.
संक्रामक रोग विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. विकासेंदु अग्रवाल ने बताया कि आगरा में 956, मेरठ में 520, गौतमबुद्धनगर में 640, लखनऊ में 452, कानपुर शहर में 516, कानपुर देहात में 31, गजियाबाद में 449, सहारनपुर में 268, फिरोजाबाद में 316, मुरादाबाद में 265, वाराणसी में 242, रामपुर में 202, जौनपुर में 285, बस्ती में 234, बाराबंकी में 179, अलीगढ़ में 200, हापुड़ में 172, बुलंदशहर में 207, सिद्धार्थनगर में 145, अयोध्या में 138, गाजीपुर में 162, अमेठी में 200, आजमगढ़ में 154, बिजनौर में 156, प्रयागराज में 127, संभल में 143, बहराइच में 100, संत कबीर नगर में 140, प्रतापगढ़ में 89, मथुरा में 99, सुल्तानपुर में 100 और गोरखपुर में 130, मुजफ्फरनगर में 125, देवरिया में 133, रायबरेली में 78, लखीमपुर खीरी में 76, गोंडा में 86, अमरोहा में 68, अंबेडकरनगर में 85, बरेली में 68, इटावा में 82, हरदोई में 108, महराजगंज में 84, फतेहपुर में 69, कौशांबी में 50, कन्नौज में 96, पीलीभीत में 52, शामली में 51, बलिया में 58, जालौन में 49, सीतापुर में 44, बदायूं में 45, बलरामपुर में 47, भदोही में 74, झांसी में 51, चित्रकूट में 64, मैनपुरी में 78, मिर्जापुर में 38, फर्रुखाबाद में 54, उन्नाव में 54, बागपत में 92, औरैया में 45, श्रावस्ती में 44, एटा में 51, बांदा में 27, हाथरस में 36, मऊ में 62, चंदौली में 30, शाहजहांपुर में 45, कासगंज में 24, कुशीनगर में 54, महोबा में 15, सोनभद्र में 14, हमीरपुर में 9 और ललितपुर में 3 कोरोना केस सामने आ चुके हैं.
यूपी सरकार ने बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया रोकने के आदेश को चुनौती दी
उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक विशेष याचिका दायर कर राज्य में 69000 बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया रोके जाने के फैसले को चुनौती दी है. जस्टिस पंकज जायसवाल और जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ राज्य सरकार की ओर से परीक्षा नियामक आयोग (ईआरए) द्वारा दाखिल की गई इस याचिका पर नौ जून को सुनवाई करेगी. ईआरए ने अपनी अपील में कहा है कि प्रदेश में 69000 बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को रोकने संबंधी तीन जून का फैसला अवैध है. बता दें कि जस्टिस आलोक माथुर ने तीन जून को प्रदेश में 69000 बेसिक शिक्षकों की भर्ती संबंधी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. प्रथम दृष्टया पाया गया कि कुछ प्रश्न और उत्तर 'अस्पष्ट और गलत' थे, लिहाजा केंद्रीय अनुदान आयोग द्वारा इसकी फिर से पड़ताल किए जाने की जरूरत है.
गर्भवती की मौत पर प्रियंका और अखिलेश ने साधा सरकार पर निशाना
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नोएडा में प्रसव के लिए अस्पताल की तलाश के दौरान एक महिला की मौत को ‘अति दुखद’ और ‘चेतावनी’ करार देते हुए रविवार को सरकार की व्यवस्था पर सवाल खड़े किए. प्रियंका ने रविवार को ट्वीट किया, ‘‘नोएडा में एक गर्भवती महिला के साथ हुआ जानलेवा हादसा एक चेतावनी है. उत्तर प्रदेश में कई जगहों से इस तरह की खबरें आई हैं. सरकार को इसके लिए पूरी तैयारी करनी चाहिए ताकि किसी की जान न जाए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी के दौरान सरकार को गैर कोविड बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को बहुत गंभीरता से लेना होगा. इस संदर्भ में किसी भी चूक के गंभीर परिणाम हो सकते हैं.’’
वहीं अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में प्रसव के लिए अस्पताल खोजते-खोजते एक गर्भवती महिला की मृत्यु अति दुखद है. सरकार यह बताए कि अगर वह कोरोना वायरस के इलाज के लिए एक लाख बेड के इंतजाम का दावा करती है तो आने वाली पीढ़ियों के लिए कुछ बेड आरक्षित क्यों नहीं रखे.’’
सभी जिलाधिकारियों और मण्डलायुक्तों को संवाद करने के निर्देश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अनलॉक के दूसरे चरण की शुरुआत के मद्देनजर सभी जिलाधिकारियों और मण्डलायुक्तों को संवाद करने के निर्देश दिए. गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने रविवार को अपने सरकारी आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी जिलों में जिलाधिकारियों के सहयोग के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, उनसे समन्वय बनाते हुए कार्य किए जाएं. उन्होंने कहा कि सभी मण्डलायुक्त अपने-अपने मण्डलों में विकास और राजस्व सम्बन्धी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए समीक्षा करें और कोविड एवं गैर-कोविड अस्पतालों के सुचारू संचालन के लिए नोडल अधिकारी के रूप में नामित किए गए स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक या संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी उनका नियमित निरीक्षण करें और व्यवस्थाओं का पर्यवेक्षण करें. योगी ने कहा कि निर्माण कार्यों के शुरू होने के बाद एक्सप्रेस-वे, मेडिकल कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, सड़कों, नहरों वगैरह के निर्माण कार्यों में श्रमिकों/कामगारों का रोजगार दिया जा सकता है. उन्होंने उद्योग, कृषि, उद्यान, निर्माण आदि के क्षेत्र में रोजगार की सभी संभावनाओं को तलाशने पर जोर देते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की अनेक योजनाओं में श्रमिकों/कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है, इससे उत्तर प्रदेश का नव निर्माण हो सकेगा.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)