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कूचबिहार फायरिंग पर बोले BJP नेता- ‘4 नहीं, 8 को भी मार सकते थे’

कूचबिहार घटना को लेकर बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष के बयान पर भी विवाद

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पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के चौथे फेज की वोटिंग के दौरान कूचबिहार जिले में फायरिंग की घटना में 4 लोगों की मौत के बाद, बीजेपी नेताओं के बयानों से विवाद पैदा होने का सिलसिला लगातार जारी है.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय बलों को अगर सही लगता तो वे ‘चुनाव में धोखाधड़ी की कोशिशों को रोकने के लिए’ गोली मारकर चार से ज्यादा लोगों की भी जान ले सकते थे.

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इससे एक दिन पहले ही बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने रविवार को कहा था कि अगर ‘‘सीतलकूची में मारे गए शरारती लड़कों की तरह’’ किसी ने कानून हाथ में लेने की कोशिश की तो विधानसभा चुनाव के अगले फेज में भी कूचबिहार की तरह मौतें हो सकती हैं.
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उत्तर 24 परगना के हाबड़ा में सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख (ममता बनर्जी) ने जिन बदमाशों को शरण दे रखी है वे मतदान केंद्रों पर बीजेपी के निर्दोष समर्थकों पर गोलियां चला रहे हैं. उनके गुंडे आम लोगों से मताधिकार छीन रहे हैं. केंद्रीय बलों ने इन बदमाशों पर गोली चलाकर सही काम किया है.’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘केंद्रीय बलों को चुनाव में धोखाधड़ी रोकने की कोशिशों में अगर जरूरी लगता तो वे चार से ज्यादा, शायद सात या आठ लोगों की भी गोली मारकर जान ले सकते थे.’’

चुनाव आयोग ने सिन्हा के विवादित बयान को लेकर 13 अप्रैल दोपहर 12 बजे से अगले 48 घंटे के लिए उनके चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी है.

सिन्हा के बयान पर सियासी दलों की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई थी. टीएमसी प्रमुख ने सिन्हा का नाम लिए बगैर एक जनसभा में कहा था, ‘‘बीजेपी के एक नेता ने कहा है कि शनिवार को केंद्रीय बलों द्वारा आठ लोगों की जान ली जा सकती थी. मैं इस बयान की निंदा करती हूं. ऐसे नेताओं पर राजनीतिक प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.’’

घोष और सिन्हा के बयानों पर यादवपुर से सीपीएम उम्मीदवार सुजान चक्रवर्ती ने कहा था, ‘‘ये टिप्पणियां बीजेपी की फासीवादी प्रवृत्ति को दिखाती हैं.’’

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