जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी नारे लगाने के आरोपी छात्रों की किसी मांग पर जेएनयू प्रसाशन ने विचार नहीं किया और न ही छात्रसंघ की मांग के बावजूद आरोपी छात्रों को अभी तक पूरी रिपोर्ट की कॉपी दी गई. इसके चलते गुरुवार को जेएनयू छात्रसंघ ने जांच कमेटी की रिपोर्ट को स्वीकार करने से इनकार कर दिया.
इस मामले पर कमेंट करते हुए छात्रसंघ की उपाध्यक्ष शहला राशिद ने कहा कि छात्रसंघ जांच कमेटी की रिपोर्ट को स्वीकार नहीं करेगा, क्योंकि प्रशासन ने जांच कमेटी में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के प्रतिनिधियों को शामिल करने पर विचार नहीं किया. साथ ही आरोपी छात्रों को यह तक नहीं बताया कि उनके खिलाफ आरोप क्या हैं.
छात्रसंघ ने इस जांच को पक्षपातपूर्ण करार दिया और कहा कि वो ऐसी किसी भी अनुशासनिक कार्रवाई का विरोध करेगा, जो न्यायोचित नहीं होगी.
यूनिवर्सिटी के कुलपति एम. जगदेश कुमार द्वारा गठित जांच कमेटी ने संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की बरसी मनाने के लिए बीते 9 फरवरी को आयोजित कार्यक्रम के दौरान 21 छात्रों को विश्वविद्यालय के नियमों व मानदंडों का उल्लंघन करने का दोषी पाया है.
विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर के दफ्तर से छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. छात्रों को शुक्रवार तक इस नोटिस का जवाब देने को कहा गया है.
छात्रसंघ ने उच्चस्तरीय जांच कमेटी के गठन, संदर्भ और कामकाज के मामले पर चिंता जताई है. हमने जेएनयू प्रशासन से इस पर बात की है कि कमेटी ने जांच की प्रक्रिया में स्वाभाविक न्याय के सिद्धांतों का किस प्रकार उल्लंघन किया.छात्र संघ नेता
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय ने JNUSU के अध्यक्ष कन्हैया कुमार व महासचिव रामा नागा समेत अनंत प्रकाश नारायण, अनिर्बान भट्टाचार्य, आशुतोष, उमर खालिद, ऐश्वर्या अधिकारी तथा श्वेता राज का निलंबन पिछले सप्ताह वापस ले लिया था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)