उन्होंने कहा कि कृषि उपज के लिए एक उचित समर्थन मूल्य प्राप्त करने के लिए एक व्यापक रणनीति पर काम किया जा रहा है, क्योंकि पैदावार और रकबा में वृद्धि हुई है।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को अतिरिक्त 40 लाख टन क्षमता वाला गोदाम बनाने और 2,500 किसान समूहों के गठन का निर्देश दिया।
कृषि और नागरिक आपूर्ति के लिए मंत्रियों और उच्च अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक में राव ने कहा कि तेलंगाना का जीवन कृषि से जुड़ा हुआ है। राज्य में 60-65 लाख किसान हैं और कई अन्य कृषि पर निर्भर हैं।
उन्होंने कहा कि जैसा कि सरकार ने सिंचाई परियोजनाओं को सर्वोच्च प्रातमिकता दी है, आने वाले दिनों में गोदावरी और कृष्णा के जल का 1,300 टीएमसी (हजार मिलियन घन फीट) का उपयोग किया जाएगा। मिशन काकटिया के तहत टैंकों के पुनरुद्धार और 24 घंटे मुफ्त बिजली आपूर्ति के कारण सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता में सुधार हुआ है। उन्होंेने कहा, "परियोजनाओं, टैंकों और बोरवेल के तहत, 1.45 करोड़ एकड़ में दो और 10 लाख एकड़ में तीन फसलें होने की संभावना है। फिर तेलंगाना राज्य भारत का चावल का कटोरा बन जाएगा। आने वाले वर्षों में पैदावार दोगुनी हो जाएगी।"
उन्होंने कहा कि फसल की खेती में वृद्धि के कारण उर्वरकों और कीटनाशकों और बीज की अधिक मांग है। इस मानसून सीजन में 22.30 लाख टन उर्वरकों की जरूरत है। किसानों के लिए उर्वरकों को उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। जून के लिए आवश्यक उर्वरक तैयार हैं। इसलिए, किसानों को मई के महीने में उन्हें खरीदना चाहिए। किसानों को उर्वरकों की दुकानों पर भीड़ नहीं लगानी चाहिए, बल्कि उन्हें उचित तरीके से खरीदना चाहिए।
--आईएएनएस
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