ब्रिटेन की अदालत का आदेश भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व वाले बैंकों के संघ के लिए भारत और विदेशों में माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस के स्वामित्व वाली संपत्तियों को अपने कर्ज को चुकाने के लिए फ्रीज करने की पहल के रूप में आया है।
माल्या 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज के मामले में भारत में वांछित है।
दिवाला और कंपनी न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश माइकल ब्रिग्स ने लंदन उच्च न्यायालय के चांसरी डिवीजन की एक आभासी सुनवाई के दौरान कहा, 15.42 (यूके समय) के अनुसार, मैं डॉ. माल्या को दिवालिया घोषित करता हूं।
एसबीआई के नेतृत्व वाले बैंकों के संघ ने दिवाला आदेश को उनके पक्ष में दिए जाने का तर्क दिया था।
भारतीय बैंकों का प्रतिनिधित्व लॉ फर्म टीएलटी एलएलपी और बैरिस्टर मार्सिया शेकरडेमियन ने किया।
माल्या इस समय ब्रिटेन में जमानत पर बाहर है। उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया चल रही है।
--आईएएनएस
एसजीके
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