उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार नई आबकारी नीति लागू (New Liquor Policy) करने जा रही है, यानी शराब नीति में कई बदलाव किए गए हैं. नई शराब नीति से उत्तर प्रदेश सरकार के खजाने को भी फायदा और लोगों को भी शराब कम कीमत पर मिलेगी. यही नहीं शराब की दुकान के बाहर ही शराब पीने की व्यवस्था भी की जाएगी. इनमें से कई नियम तत्काल प्रभाव से लागू होंगे. प्रदेश के आबकारी आयुक्त सेंथिल पांडियन सी ने नई आबकारी नीति के बारे में विस्तार से बताया है.
31 मार्च 2025 तक लागू रहेगी नई शराब नीति
शराब की कीमतों में कमी होने के पीछे सबसे बड़ा कारण यूपी में ग्रेन अल्कोहल को बढ़ावा देना है. इससे प्रदेश की दूसरे राज्यों पर निर्भरता खत्म हुई है और राजस्व को भी फायदा मिल रहा है. सरकार शीरे वाली शराब की जगह ग्रेन (अनाज) वाली शराब को बढ़ावा दे रही है. दुनियाभर में ग्रेन अल्कोहल को सबसे ज्यादा क्वालिटी युक्त माना जाता है.सेंथिल पांडियन, आबकारी आयुक्त
आबकारी आयुक्त सेंथिल पांडियन के मुताबिक, "पहले हमें ग्रेन अल्कोहल को पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों से इम्पोर्ट करना पड़ता था, वहीं अब इनका निर्माण प्रदेश में ही हो रहा है. ऐसे में इम्पोर्ट ड्यूटी तो बच ही रही है, जीएसटी में भी कमी आई है, साथ ही लाइसेंस फीस का भी 254 रुपए प्रति बल्क लीटर निर्धारण करने से सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी. इसके अलावा मिनिमम गारंटी कोटा और मिनिमम गारंटी रेवेन्यू में 10 प्रतिशत का इजाफा करने से 2024-25 में 50 हजार करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य है."
बता दें कि ये शराब नीति 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक के लिए रहेगी.
शराब की कीमतों में आएगी गिरावट
नई शराब नीति के अनुसार शराब की कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी, बल्कि ग्रेन अल्कोहल और यूपीएमएल की शराब की 42.8 डिग्री वाली मदिरा की कीमत में गिरावट आएगी. ये शराब जहां पहले 90 रुपए की मिलती थी उसके दाम घटकर 85 रुपए हो जाएंगे.
वहीं, यूपीएमएल की शराब में 36 डिग्री वाली मदिरा की कीमत को 75 रुपए रखा गया है. इसके अलावा शीरे वाली शराब - 25 डिग्री की कीमत 50 रुपए और 36 डिग्री की कीमत 70 रुपए रखी गई है.
इसके साथ ही पहली बार यूपीएमएल की शराबों को ग्लास के साथ साथ टेट्रा पैक में भी उपलब्ध कराया जाएगा.
शराब की दुकानों के बाहर शराब पीने की होगी व्यवस्था
नई शराब नीति के अनुसार, शराब की दुकानों के पास 100 स्क्वायर फीट की जगह को परमिट रूम के तौर पर डेवलप किया जा सकेगा. इसकी परमिशन लेने के लिए 5 हजार रुपए सालाना शुल्क देना होगा.
परमिट रूम का सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि ठंडी बीयर को बीयर की दुकानों के पास ही पीने की सुविधा मिल सकेगी. इससे सड़क पर या कहीं कोने में अवैध रूप से बीयर पीने से होने वाली असुविधा और कई बार सड़क पर छेड़खानी, मारपीट जैसे अपराधों और अन्य असुविधाजनक स्थिति से बचा जा सकेगा.
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