उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स (STF) का अगले 100 दिनों का रोडमैप तैयार किया गया है. हथियारों को अपग्रेड करने से लेकर स्नाइपर्स को लाने तक का प्लान है. एसटीएफ का दावा है कि वह कानून - व्यवस्था से जुड़े कई मुद्दों पर काम कर रहा है. सरकार का मानना है कि इससे जनता में सुरक्षा की भावना पैदा होगी.
योगी आदित्यनाथ के शासन में एनकाउंटर पर जोर देने के साथ, एसटीएफ ने एनकाउंटर में अपराधियों को खदेड़ने का नेतृत्व किया है. विकास दुबे एनकाउंटर सहित कई एक्स्ट्राजुडिशियल हत्याओं की जांच की गई लेकिन एसटीएफ के खिलाफ कोई मामला निकलकर सामने नहीं आया.
एक घर से बड़े ऑफिस तक एसटीएफ का उदय
यूपी एसटीएफ की स्थापना 1998 के दौरान लखनऊ में हुई थी. इसका पहला कार्यालय लखनऊ के महानगर क्षेत्र में एक मृतक रिटायर्ड सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस का 4 कमरों का खाली घर था.
रिटायर्ड आईपीएस और एसटीएफ के संस्थापक सदस्य राजेश पांडे ने कहा कि हम सभी एक ही कमरे में बैठते थे. शुरू में, हम काम करने के लिए अपनी प्राइवेट गाड़ियों का इस्तेमाल करते थे. हमारे पास कंप्यूटर भी नहीं था, बाद में कंप्यूटर सेंटर से एक पुराना कंप्यूटर हमें दिया गया था.
मौजूदा वक्त में उत्तर प्रदेश एसटीएफ आधुनिक बुनियादी ढांचों और टेक्नोलॉजी से लैस है.
लखनऊ में विभूतिखंड में एक बहु-मंजिला हेड ऑफिस के अलावा, मेरठ और वाराणसी में अपनी क्षेत्रीय इकाई के लिए एसटीएफ के अपने ऑफिस हैं. 100-दिवसीय कार्य योजना में अब आगरा, गोरखपुर, प्रयागराज और बरेली में कार्यालयों के निर्माण और नोएडा में एक ट्रांजिट हॉस्टल के लिए जमीन देने की योजना बनाई गई है.
STF का हो रहा है विस्तार
उत्तर प्रदेश में एसटीएफ की नौ फील्ड यूनिट हैं और इसका और विस्तार हो रहा है. अयोध्या में एसटीएफ की नई यूनिट बनाने की तैयारी है. 100 दिवसीय एक्शन-प्लान में अयोध्या में यूनिट बनाने के लिए 6.69 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
लखनऊ में एक साधारण घर से लेकर पूरे प्रदेश में पदचिन्हों तक, एसटीएफ ने पिछले दो दशकों में एक लंबा सफर तय किया है. जब इसका गठन हुआ था, तो किडनैपिंग, संगठित अपराध और डकैती जैसी चुनौतियां एसटीएफ के लिए प्रमुख थीं. समय के साथ, जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी और कार्यप्रणाली विकसित हुई, एसटीएफ के फोकस में काफी बदलाव देखने को मिला.
एसटीएफ की नशीले पदार्थों की वार्षिक वसूली 15-20 टन है, जो राज्य में अन्य एजेंसियों द्वारा संयुक्त वसूली से पांच गुना अधिक है.
स्नाइपर्स को बोर्ड पर लाएगा एसटीएफ
यूपी एसटीएफ जल्द ही स्नाइपर्स को बोर्ड पर लाने वाली यूपी पुलिस की पहली ब्रांच होगी. 100 दिन के एक्शन प्लान में स्नाइपर राइफल के लिए गोला-बारूद खरीद के लिए अलग से व्यवस्था है. स्नाइपर्स को टीम में लाने के पीछे की वजह बताते हुए, एक सीनियर एसटीएफ पुलिस ने नाम न छापने की शर्त पर दावा किया कि यह किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए तैयार रहने के लिए किया जा रहा है.
100-दिन के एक्शन प्लान में पुराने हथियारों जैसे एसएलआर, इंसास राइफल और एके-47 को छोटे कैलिबर के हल्के हथियारों को बदलने की भी बात की गई है.
सीनियर एसटीएफ अधिकारी ने कहा कि हमें भारी राइफलों से आगे बढ़कर अधिक सटीकता वाले हल्के हथियारों को लाना करना होगा.
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