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वाराणसी से बंगाल हो रही थी तस्करी, अब 16 ऊंटों को राजस्थान भेजेगी पुलिस

Varanasi: जिस गाडी से ऊंटों को बंगाल ले जाया जा रहा था उस गाड़ी के मालिक ने उनकी कस्टडी मांगी लेकिन कोर्ट ने ना कहा.

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वाराणसी (Varanasi) पुलिस कमिश्नरेट के रामनगर थाने की पुलिस ने तस्करी के लिए पश्चिम बंगाल ले जा रहे 16 ऊंटों को पकड़ा था. जिन्हें अब राजस्थान भेजा जाएगा.

दरअसल इनके खानपान और देख रेख की व्यवस्था रामनगर थाने के जिम्मे थी. लेकिन ऊटों की असली जगह वाराणसी नहीं है. इनकी देखरेख में आ रही दिक्कतों को लेकर एक वाइल्डलाइफ संस्था ने अदालत में अर्जी भी लगाई थी. इसमें इंस्पेक्टर रामनगर अश्वनी पांडेय से कोर्ट ने जवाब मांगा था. 2 हफ्ते से इस मुद्दे को लेकर चल रही जद्दोजहद आखिरकार समाप्त हो गई है. अब प्रक्रिया के तहत 16 ऊंटों को राजस्थान के सिरोही भेजने की तैयारी है.

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पूरा मामला जानिए

वाराणसी कमिश्नरेट की रामनगर थाने की पुलिस ने तस्करों से 16 ऊंट बरामद किए थे अब इन्हें राजस्थान के सिरोही ले जाया जाएगा. यह आदेश वाराणसी के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, कोर्ट नंबर-1 ने दिया है.

ऊंटों की अंतरिम कस्टडी गौ-ज्ञान फाउंडेशन को सौंपते हुए कोर्ट ने कहा है कि वाराणसी के जिलाधिकारी सभी ऊंटों को सही सलामत सिरोही स्थित पीपुल फॉर एनिमल आश्रय स्थल पहुंचाने की व्यवस्था कराएं.

वही जिस गाड़ी में तस्करी के लिए ऊंट लाद कर ले जाए जा रहे थे, उस गाड़ी और ऊंटों को गाड़ी के मालिक ने मुश्ताक ने रिलीज करने का अनुरोध किया था जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

गौ-ज्ञान फाउंडेशन का पक्ष रखने वाले अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने बताया कि 27 जून को रामनगर थाने की पुलिस ने गौ-ज्ञान फाउंडेशन की मदद से तस्करों से 16 ऊंट मुक्त करा कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था. तबसे ऊंट रामनगर क्षेत्र में ही हैं. सौरभ तिवारी ने बताया कि वाराणसी में ऊंटों के लिए अनुकूल मौसम नहीं है. इस वजह से उनकी तबीयत खराब हो रही थी. अगर यही स्थिति रही तो उनकी मौत भी हो सकती थी. इसलिए अदालत में याचिका दाखिल कर अनुरोध किया गया था कि सभी ऊंटों को राजस्थान के सिरोही स्थित पीपुल फॉर एनिमल आश्रय स्थल पहुंचाने का आदेश दिया जाए.
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वाहन मालिक ने मांगी थी कस्टडी

अधिवक्ता सौरभ तिवारी के अनुसार ऊंटों को जिस गाड़ी में पश्चिम बंगाल ले जाया था रहा था, उसके मालिक ने उनकी कस्टडी मांगी थी. साथ ही उसने वाहन रिलीज करने का अनुरोध भी किया था. उसका कहना था कि ऊंट वह खरीद कर ले जा रहा था. अदालत में दलील दी गई कि मवेशियों से संबंधित कानून के अनुसार केस का निपटारा न होने तक जब्त गाड़ी और ऊंट वाहन के मालिक को नहीं दिया जा सकता है. अदालत ने इस आधार पर वाहन मालिक के अनुरोध को खारिज कर दिया है.

गौ ज्ञान फाउंडेशन ने वाराणसी में पहली बार उठाया ऊंटों का मुद्दा

गौ ज्ञान फाउंडेशन की आर लता देवी ने क्विंट से बातचीत में बताया कि संस्था की टीम ने देश के कई राज्यों में एनिमल्स पर काम किया है. वाराणसी में सबसे अधिक गायों पर काम किया गया है. पहली दफा वाराणसी में ऊंटों को लेकर अदालत में अर्जी डाली गई थी. उन्होंने अदालत का धन्यवाद किया कि समय रहते उनके जीवन की रक्षा अदालत के आदेश पर हो जाएगी.

इनपुट क्रेडिट - चंदन पांडेय

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