ISI के पूर्व प्रमुख हामिद गुल के बेटे अब्दुल्ला गुल ने एक फेक वीडियो शेयर किया है. इसमें कश्मीर में हिंसा का दावा किया गया है. वीडियो के साथ उर्दू में कैप्शन लिखा गया है. इसका हिंदी ट्रांसलेशन कुछ इस तरह है..
कश्मीर में हिंसा शुरू हो चुकी है. यह वीडियो एक कश्मीरी बहन ने भेजा है. कायदे-आजम ने हमें कश्मीर पर मार्च करने का आदेश दिया था. हम कश्मीर में डिप्लोमेटिक, पॉलिटिकल और नैतिक तरीकों से मदद करने की कोशिश कर रहे हैं. इमरान खान कहते हैं कि अगर पाकिस्तान पर हमला हुआ तो वे जवाब देंगे. क्या कश्मीर पाकिस्तान का नहीं है. क्या टीपू सुल्तान ने ऐसा किया होता.
वीडियो का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इसी वीडियो को टाइम्स ऑफ गाजा ने भी शेयर किया है. उन्होंने दावा किया है कि भारतीय फौजें कश्मीर में बंद के दौरान निर्दोष लोगों को बुरी तरह मार रही हैं.
वीडियो 2018 अक्टूबर का है
हमने InVID नाम के एक वीडियो वेरिफिकेशन टूल से वीडियो का फ्रेम टू फ्रेम एनालिसिस किया. इसके बाद हर फ्रेम को गूगल पर सर्च किया. इसमें कई वीडियो सामने आया. जिनमें भी इन फ्रेम का इस्तेमाल किया गया था.
एक वीडियो के कैप्शन के टैक्स्ट में लिखा था,’ दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में एक किशोर की मौत के साथ मारे गए नागरिकों की संख्या सात पहुंच चुकी है.’
इसके बाद हमने 'death Kulgam October’ नाम से गूगल सर्च किया. तब हमें पता चला कि ये वीडियो 21 अक्टूबर 2018 को अपलोड किया गया था. यह वही वीडियो है जो अब्दुल्ला गुल ने अपलोड किया था. इसके अलावा एक लोकल कश्मीरी जर्नलिस्ट ने भी द क्विंट से बातचीत में वीडियो के पुराने होने की पुष्टि करते हुए बताया कि ये अक्टूबर 2018 का है. उस वक्त वहां नागरिक मारे गए थे.
क्या हुआ था कुलगाम में
कुलगाम में सुरक्षाबलों और मिलिटेंट के बीच गोलीबारी हुई थी. इसमें तीन मिलिटेंट मारे गए थे. वहीं नागरिकों की मौत हो गई थी.
दरअसल सुरक्षाबलों ने लारू गांव में सर्च ऑपरेशन चलाया था. उन्हें गांव में मिलिटेंट के छुपे होने की जानकारी मिली थी. ऑपरेशन के दौरान मिलिटेंट ने गोलीबारी शुरू कर दी.
मुठभेड़ के बाद कुछ स्थानीय लोग घटनास्थल पर पहुंचे. लेकिन तभी एक ब्लास्ट हो गया. इसमें 6 लोगों की मौत हो गई. वहीं एक दर्जन से ज्यादा घायल हो गए.
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