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पत्नी की हत्या कुबूल करते शख्स का वीडियो लव जिहाद के झूठे दावे से वायरल

पुलिस ने बताया कि कथित आरोपी और पीड़ित दोनों मुस्लिम समुदाय से हैं.

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक रिपोर्टर बिहार (Bihar) के एक शख्स से कुछ सवाल पूछता नजर आ रहा है.

क्या है दावा?: वीडियो में शख्स को ये कबूल करते देखा जा सकता है कि उसने कथित तौर पर इस्लाम धर्म के लिए अपनी पत्नी की हत्या की है. वीडियो के आखिर में और भी कई महिलाओं की तस्वीरें दिखाई देती हैं और ये दावा किया जाता है कि ये सभी 'लव जिहाद' की शिकार थीं.

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वीडियो को 'लव जिहाद' एंगल देकर ये दावा किया जा रहा है कि उस शख्स ने महिला को इसलिए मार डाला क्योंकि वो हिंदू समुदाय से थी.

(ऐसे और भी पोस्ट के आर्काइव आप यहां और यहां देख सकते हैं.)

सच क्या है?: हमने बिहार पुलिस से संपर्क किया. पुलिस ने बताया कि इस घटना में कोई भी सांप्रदायिक एंगल नहीं है. उन्होंने स्पष्ट किया कि आरोपी और पीड़ित दोनों मुस्लिम समुदाय से हैं.

हमने सच का पता कैसे लगाया?: वीडियो के कुछ कीफ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें इस इंटरव्यू का लंबा वर्जन यूट्यूब पर मिला.

  • ये वीडियो 28 अप्रैल 2023 को 'Insaan 24 News Live' नाम के एक चैनल पर अपलोड किया गया था.

  • वीडियो में दिख रहे शख्स ने अपनी पहचान महबूब आलम के तौर पर की, जो बिहार के समस्तीपुर जिले के बंगरा गांव का रहने वाला है.

  • वीडियो में उसे इस बारे में बात करते देखा जा सकता है कि कैसे उसने 'खुदा के नाम' पर अपनी पत्नी की हत्या की.

  • वीडियो में शख्स ने अपनी पत्नी के धर्म के बारे में कुछ भी नहीं बताया.

  • वीडियो के 4 मिनट 59वें सेकेंड पर रिपोर्टर को पुलिसकर्मी से आलम की मानसिक स्थिति के बारे में पूछते हुए देखा जा सकता है. जिसके जवाब में पुलिसकर्मी टिप्पणी करने से मना करता है.

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आलम के जुर्म पर पुलिस का बयान: हमने बंगरा थाने में मौजूद इस मामले के जांच अधिकार (आईओ) अविनाश कुमार से संपर्क किया.

  • उन्होंने कहा कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा सांप्रदायिक दावा झूठा है.

  • अविनाश कुमार ने कहा, ''महबूब आलम (25) ने अपनी पत्नी यास्मीन खातून (22) की हत्या कर दी. यास्मीन मुस्लिम समुदाय से थी. आलम को 14 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया गया है.''

  • हमें मामले से जुड़ी एफआईआर कॉपी भी मिली. ये एफआईआर यास्मीन के पिता ने आलम और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ की थी.

  • एफआईआर के मुताबिक, आलम ने 7 महीने पहले मुस्लिम रीति-रिवाज से खातून से शादी की थी.

  • हालांकि, पुलिस की ओर से आलम की मानसिक स्थिति का कोई मेडिकल रिकॉर्ड शेयर नहीं किया गया.

निष्कर्ष: साफ है कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा 'लव जिहाद' से जुड़ा दावा झूठा है.

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