तमिलनाडु में जलता हुआ टायर फेंककर हुई हाथी की हत्या को सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है. हाथी पर जलता टायर फेंके जाने के वीडियो के साथ एक मैसेज में दावा किया जा रहा है कि हाथी की हत्या अरबाज नाम के एक शख्स ने की. मैसेज में एक समुदाय विशेष को लेकर आपत्तिजनक बातें भी लिखी हैं.
वेबकूफ से बातचीत में मुदुमलाई टाइगर रिजर्व के एडिशनल प्रिंसिपल कंजर्वेटिव ऑफिसर और फील्ड डायरेक्टर केके कौशल ने बताया कि इस केस में अरबाज नाम का कोई आरोपी नहीं है.
शेयर किया जा रहा मैसेज है - तमिलनाडु के निलीगिरी में जिहादी अरबाज खान ने जलता हुआ टायर हाथी के ऊपर फेंक दिया!! वह टायर जाकर हाथी के कानों में चिपक गया जिससे झुलस जाने के कारण इलाज के दौरान हाथी की मौत हो गई.. इन जाहिल सूअरों से तो जानवर भी सुरक्षित नहीं है! कड़ी सजा मिलनी चाहिए!!
पोस्ट फेसबुक पर भी वायरल है
पड़ताल में हमने क्या पाया
तमिलनाडु में हाथी पर जलता टायर फेंकने के मामले से जुड़ी किसी भी मीडिया रिपोर्ट में हमें अरबाज नाम के आरोपी का जिक्र नहीं मिला.
इंडियन एक्सप्रेस की 23 जनवरी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस केस में अब तक दो आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. इन आरोपियों के नाम रेमंड मल्लन मैलकम और प्रसाथ सुगुमारन हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, घटना तमिलनाडु में नीलगिरी जिले में स्थित मुदुमलाई टाइगर रिजर्व के पास की है. हाथी मैलकम द्वारा चलाए जाने वाले रिसोर्ट के बेहद करीब आ गया था. इसके बाद स्थानीय लोगों ने एक टायर में कैरोसीन भर, उसमें आग लगाकर हाथी के ऊपर फेंक दिया. इसके चलते हाथी के कान के पास गहरा घाव हो गया था. जिससे लगातार खून निकलना जारी रहा. रिपोर्ट में अरबाज नाम के आरोपी का जिक्र नहीं है.
सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों की पुष्टि के लिए हमने मुदुमलाई टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर केके कौशल से संपर्क किया. वेबकूफ से बातचीत में उन्होंने बताया - मामले में अरबाज नाम का कोई शख्स आरोपी नहीं है. कुल तीन आरोपी हैं. तीनों में से रेमंड मल्लन मैलकम और प्रसाथ सुगुमारन को गिरफ्तार कर लिया गया है. तीसरा आरोपी रिक्की रेयान फरार है.
मामले की विस्तार से जानकारी देते हुए केके कौशल ने बताया, 3 जनवरी को आरोपियों ने हाथी पर आग से हमला किया. इस हमले के बाद आरोपियों ने वन विभाग को सूचना दी कि हाथी इलाके में उत्पात कर रहा है. 19 जनवरी को दोनों आरोपियों को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया. मजिस्ट्रेट के आदेश पर आरोपियों को 15 दिन की रिमांड पर ज्यूडिशियल रिमांड पर भेज दिया गया है.
केके कौशल ने बताया कि मामले में अरबाज नाम का कोई आरोपी नहीं है. मतलब साफ है कि सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा झूठा है. हाथी की हत्या को जबरन सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है.
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