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प्याज, नींबू है कोरोना का इलाज? ऐसे 6 टोटकों का ये है सच

हल्दी, कपूर, अजवाइन, सरसों का तेल और नींबू पानी से कोविड-19 का संक्रमण रोकने के गलत दावे किए  जा रहे हैं.

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वीडियो एडिटर: शुभम खुराना

प्याज-नमक से कोरोना भागता है और कपूर सूंघने से ऑक्सीजन का लेवल ठीक रहता है. कोरोना पर ऐसे झोलाछाप टोटको के चक्कर में लोग मुसीबत में पड़ सकते हैं लिहाजा इस वीडियो में हम आपको कोरोना के ऐसे ही कुछ वायरल और शर्तिया इलाज के बारे में बताने जा रहे हैं, जो दरअसल झूठे हैं....

दावा: प्याज और नमक खाने से कोरोना का संक्रमण तुरंत खत्म हो जाता है

इस वॉट्सएप मैसेज को लेकर हमने कोविड महामारी से निपटने के लिए बनाए गए वैज्ञानिकों के संगठन ISRC के को-फाउंडर डॉ. एस कृष्णास्वामी से संपर्क किया. उन्होंने प्याज से कोविड-19 के इलाज के दावे को फेक बताया.

प्याज और लहसुन में कुछ एंटीवायरल तत्व जरूर होते हैं. लेकिन, ये कोरोना संक्रमण खत्म नहीं कर सकते. ऐसी कोई विश्वसनीय स्टडी रिपोर्ट भी हमें नहीं मिली जिससे प्याज से कोरोना ठीक होने वाले दावे की पुष्टि होती हो.

दावा: कपूर, लौंग, अजवाइन और यूकेलिप्टस के तेल की कुछ बूंदों को मिलाकर और उसकी पोटली बनाकर सूंघने से शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ जाता है

अब तक किसी रिसर्च मेें ये साबित नहीं हुआ है कि कपूर लौंग सूंघने से ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है, बल्कि कपूर ज्यादा सूंघने के कुछ दुष्परिणाम हो सकते हैं.

मुंबई बेस्ड पल्मोनॉलजिस्ट और चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. आदित्य अग्रवाल ने वेबकूफ से हुई बातचीत में बताया कि

कपूर सूंघने से ऑक्सीजन लेवल नहीं बढ़ता. कपूर से नाक की नली में जो रुकावटें होती हैं वो साफ हो जाती हैं जिससे सांस लेने में दिक्कत नहीं होती.
चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. आदित्य अग्रवाल
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दावा: नींबू और गर्म पानी पीने से कोरोना वायरस को फेंफड़ों तक पहुंचने से रोका जा सकता है

ये दावा पूरी तरह फेक है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, वायरस सांस की नली के जरिए शरीर को संक्रमित करता है. लेकिन ये सेल्स के अंदरूनी हिस्सों में पनपता है, जिस कारण इस तरह के किसी उपाय से वायरस को नहीं रोका जा सकता. रही बात नींबू की तो ये सच है कि ये विटामिन सी का एक अच्छा सोर्स है. लेकिन, इससे कोरोना संक्रमण को खत्म नहीं किया जा सकता.

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दावा: हल्दी, अजवाइन और कपूर गर्म पानी में मिलाकर भाप लेने से कोरोना संक्रमण खत्म हो जाएगा

ये बिल्कुल भी सच नहीं है. हल्दी को पानी में मिलाकर भाप लेने से सांस की नली को फायदा होगा, इस दावे का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. हालांकि हल्दी को गरम पानी में मिलाकर भाप लेने का कोई नुकसान भी नहीं है. लेकिन, वायरोलॉजिस्ट्स के मुताबिक अगर इस पानी में कपूर को मिलाया जाता है तो ये नुकसानदेह हो सकता है.

नाक या गले में हुए वायरल इंफेक्शन या फिर सायनस में भाप लेने से सांस की नली साफ होती है. लेकिन कोरोना के इलाज से इसका कोई संबंध नहीं है.   
डॉ. विकास मौर्या, फोर्टिस हॉस्पिटल में डिपार्टमेंट ऑफ पल्मोनोलॉजी के हेड 

दावा: सादा पानी से भाप लेने पर कोरोना संक्रमण खत्म हो जाता है.डॉ. रोहिणी करंदिकर बता रही हैं कि ये दावा कितना सही है

कोविड 19 के लिए भाप लेना कोई ट्रीटमेंट नहीं है. कोई स्टडी ये साबित नहीं करती है कि भाप लेने से कोरोनावायरस खत्म होता है.
डॉ. रोहिणी करंदिकर, सदस्य ISRC
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दावा: नाक और कान में सरसों का तेल डालने से कोरोना संक्रमण खत्म हो जाता है.

साल 2020 में बाबा रामदेव भी ये दावा कर चुके हैं. मेडिकल एक्सपर्ट्स और रिसर्चर्स इससे बिल्कुल भी इत्तेफाक नहीं रखते.

नाक में कोई भी वनस्पति तेल डालना लंग्स के लिए हानिकारक हो सकता है. कान में सरसों का तेल डालकर किसी वायरस का इलाज संभव नहीं है. क्योंकि कान के जरिए शरीर में न तो कोई घुसता है. न ही कान के जरिए वायरस को रोका जा सकता है
ICMR के सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च इन वायरोलॉजी के हेड रह चुके डॉ. जैकब टी जॉन

हम कोरोना वायरस और वैक्सीन को लेकर किए जा रहे गलत और भ्रामक दावों की पड़ताल कर रहे हैं. अगर आपके पास भी ऐसी कोई सूचना आती है, जो आपको थोड़ी भी अटपटी लग रही है, शक हो रहा है तो हमारे वॉट्सअप नंबर 9643651818 या फिर हमारी मेल आइडी webQoof@thequint.com पर हमें भेजें. तब तक हमारी अन्य फैक्ट चेक स्टोरीज को पढ़ने के लिए फेसबुक और ट्विटर पर क्विंट हिंदी को फॉलो करें और वेबकूफ न बनें.

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