दावा
कर्नाटक के कलबुर्गी में सिद्धलिंगेश्वर मंदिर रथ उत्सव की एक फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है, जिसमें दावा किया गया है कि हजारों लोग राज्य में कोरोना वायरस लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करते हुए इस उत्सव को मनाने के लिए आए थे.
कलबुर्गी को COVID-19 हॉटस्पॉट घोषित किया जा चुका है और कोरोना वायरस से पहली मौत यहीं रिपोर्ट की गई थी.
कई यूजर्स ने इस फोटो को इसी दावे के साथ शेयर किया.
सच या झूठ?
क्विंट ये कंफर्म करता है कि जिस दावे के साथ फोटो शेयर की जा रही है, वो भ्रामक है. कर्नाटक में कलबुर्गी में 17 अप्रैल को सिद्धलिंगेश्वर मंदिर रथ उत्सव मनाने के लिए भारी भीड़ इकट्ठी हुई थी, लेकिन वायरल फोटो 2017 की है.
इसके अलावा, करीब 20 लोगों और मंदिर प्रशासन पर आईपीसी की धारा 188, 143, 269 के तहत केस भी दर्ज किया गया है. द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने के लिए सिद्धलिंगेश्वर मेले के पांच आयोजकों को गिरफ्तार किया गया है.
इन न्यूज रिपोर्ट्स में जिस फोटो का इस्तेमाल किया गया है, उनमें वायरल फोटो के मुकाबले लोग काफी कम दिख रहे हैं. इसलिए हमने रिवर्स इमेज सर्च का सहारा लिया, जिससे हमें 10 जनवरी 2017 को पब्लिश हुआ डेक्कन हेराल्ड का एक आर्टिकल मिला, जिसमें वही फोटो का इस्तेमाल किया गया था, जो वायरल है.
आर्टिकल के मुताबिक, फोटो कोप्पल में आयोजित लोकप्रिय गवीमथ रथ समारोह से है. इसे दक्षिण भारत के महाकुंभ मेले के रूप में भी जाना जाता है.
हमें 2019 में अपलोड किया गया एक यूट्यूब वीडियो भी मिला, जिसमें फेस्टिवल के विज्युअल हैं,
इससे साफ होता है कि कोप्पल में गवीमथ रथ समारोह की फोटो को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
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