दिल्ली के पंजाबी बाग इलाके के वैष्णों माता मंदिर में शनिवार, 3 अप्रैल को हुई एक घटना का वीडियो सांप्रदायिक रूप देकर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि 28 वर्षीय व्यक्ति ने कथित तौर पर मंदिर में पत्थर फेंके.
पंजाबी बाग के एसीपी विजय चंदेल ने हमने बताया कि आरोपी जिसकी पहचान विक्की मल के तौर पर हुई है, को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि विक्की ने मंदिर पर इसलिए पत्थर फेंके क्योंकि वह ''भगवान से गुस्सा'' था.
दावा
इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि ''विशेष समुदाय'' इस घटना के लिए जिम्मेदार है.
दावे में लिखा गया है, ''पंजाबी बाग थानाक्षेत्र के माँ वैष्णो देवी के पवित्र मन्दिर में तोड़फोड़, एक विशेष समुदाय के द्वारा किया गया लेकिन अब कोई कुछ नहीं बोलेगा, secularism की बात है। इन लोगो पर FIR कब होगी”

पड़ताल में हमने क्या पाया
- सीसीटीवी फुटेज की जांच करने के बाद पुलिस ने पाया कि इस घटना के पीछे विक्की जिम्मेदार है और वह 'भगवान से गुस्सा' था.
- एसीपी चंदेल ने कहा कि इस घटना में कोई सांप्रदायिक ऐंगल नहीं है और आरोपी एक हिंदू था.
वीडियो के साथ शेयर किए जा रहे दावे के आधार पर, हमने ‘Punjabi Bagh Vaishno Devi temple’ कीवर्ड से न्यूज रिपोर्ट सर्च कीं. हमें The New Indian Express का 4 अप्रैल को पब्लिश एक आर्टिकल मिला.
आर्टिकल में पुलिस अधिकारियों को कोट करके लिखा गया था कि ये घटना शनिवार को हुई थी. एक 28 वर्षीय शख्स विक्की मल ने कथित तौर पर बंजाबी बाग में स्थित वैष्णो माता मंदिर में पत्थर फेंका. उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह ''भगवान के ऊपर इस बात के लिए गुस्सा था क्योंकि उन्होंने उसे एक अवारा जैसी जिंदगी दी है''.
Hindustan Times ने इस घटना पर PTI की एक स्टोरी पब्लिश की थी, जिसमें बताया गया था कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है.

PTI की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार सुबह, मंदिर के पुजारी रंजीत पाठक को मंदिर के बाहर रखी भगवान शंकर की टूटी मूर्तियां मिलीं. सीसीटीवी फुटेज देखने पर पुलिस ने पाया कि इस घटना के लिए विक्की जिम्मेदार था.
पुलिस ने सांप्रदायिक ऐंगल से किया इनकार
क्विंट की वेबकूफ टीम से बातचीत में एसीपी चंदेल ने बताया कि इस घटना के पीछे की वजह सांप्रदायिक नहीं है.
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, विक्की कोरोनावायरस की वजह से हुए लॉकडाउन के पहले अपने पिता के साथ काम किया करता था. बाद में उसके पिता बिहार वापस चले गए.
इस घटना पर The Hindu की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 295 A (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उनकी धार्मिक भावनाओं को उकसाना) और 457 के तहत केस दर्ज किया गया है. मामले की जांच की जा रही है.

मतलब साफ है कि दिल्ली के पंजाबी बाग में 28 वर्षीय युवक के मंदिर में कथित रूप से पत्थर फेंकने की घटना को गलत सांप्रदायिक रूप दिया जा रहा है.
(स्टोरी में SM Hoax Slayer से मिले इनपुट शामिल हैं)
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