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क्या रवीश कुमार ने NIA रेड में अरेस्ट हुए युवकों से हमदर्दी दिखाई?

पोस्ट के मुताबिक रवीश कुमार ने कहा कि NIA की ओर से की गई गिरफ्तारी ने 10 मुस्लिम युवकों से उनका रोजगार छीना

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सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पोस्ट में दावा किया गया है कि NDTV इंडिया के सीनियर एग्जीक्यूटिव एडिटर रवीश कुमार ने कहा कि 26 दिसंबर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की ओर से की गई गिरफ्तारी के मद्देनजर 10 मुस्लिम युवकों ने अपनी नौकरी खो दी है. मैसेज में लिखा है, "आज 10 मुस्लिम युवकों से उनका रोजगार छीना गया"

पोस्ट के मुताबिक रवीश कुमार ने कहा कि NIA की ओर से की गई गिरफ्तारी ने 10 मुस्लिम युवकों से उनका रोजगार छीना
तस्वीर में दावा किया गया है कि रवीश कुमार ने भड़काऊ टिप्पणियां कीं 
(फोटो: फेसबुक)
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इस तस्वीर को सबसे पहले फेसबुक पेज Zee News Fans Club ने 27 दिसंबर को पोस्ट किया था. इस पोस्ट को अब तक 14,000 से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है. पोस्ट को 'Modi Government' पेज पर भी शेयर किया गया है.

देश के कुछ मिडिया कांग्रेस और पाकिस्तानी दलाल हैं ।

Posted by Zee news fans club on Wednesday, December 26, 2018

देश के कुछ मिडिया कांग्रेस और पाकिस्तानी दलाल हैं ।

Posted by Modi Government on Thursday, December 27, 2018

दावा सही या गलत?

यह वायरल पोस्ट फर्जी है. पोस्ट में किए गए दावे 26 दिसंबर को एनआईए की ओर से की गई गिरफ्तारियों से ताल्लुक रखते हैं. दावे की पड़ताल करने के लिए हमने 25, 26 और 27 दिसंबर को प्रसारित हुए रवीश कुमार के प्राइम टाइम डिबेट्स देखे. किसी भी डिबेट में रवीश कुमार को यह कहते हुए नहीं पाया गया, जैसा इस पोस्ट में दावा किया गया है. इन तारीखों पर सरदार पटेल की सरकार, सरकारी बैंकों की मौजूदा स्थिति, देश में संस्कृत संस्थानों की स्थिति जैसे मुद्दों पर बहस हुई थी.

इसके अलावा, NDTV इंडिया के यूट्यूब चैनल पर NIA की छापेमारी को कवर करने वाले 3-मिनट के वीडियो में भी ऐसी कोई टिप्पणी नहीं थी.

ये भी पढ़ें- NIA रेड: आरोपियों के वकील का दावा, सुतली बम को बताया गया विस्फोटक

क्विंट ने रवीश कुमार से भी जब इस बारे में पूछा तो उन्होंने भी पुष्टि की, कि ये पोस्ट वाकई फर्जी है.

NIA ने छापेमारी क्यों की?

26 दिसंबर को NIA ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश के 17 ठिकानों पर आतंकी संगठन ISIS से प्रेरित नए मॉड्यूल 'हरकत उल हर्ब ए इस्लाम' की जांच के लिए छापेमारी की थी. 16 संदिग्धों से पूछताछ करने के बाद एजेंसी ने 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. ये छापेममारी दिल्ली के सीलमपुर और उत्तर प्रदेश के अमरोहा, हापुड़, मेरठ और लखनऊ में की गई थी. एजेंसी ने 7.5 लाख रुपये, लगभग 100 मोबाइल फोन, लैपटॉप, 135 सिम कार्ड और मेमोरी कार्ड जब्त किया था.

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