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चिकन से कैंसर और कोल्ड ड्रिंक्स से मौत? ये है इन फेक खबरों का सच

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वीडियो एडिटर: विशाल कुमार

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क्या आप जानते हैं कि चिकन खाने से कैंसर होता है और कोल्ड ड्रिंक ड्यू पीने से लोगों की मौत हो रही है. अगर आप इनसे वाकिफ हैं तो इसका मतलब कि आपने भी वो फेसबुक पोस्ट पढ़े हैं. अगर ऐसा है तो आप भी फेक न्यूज का हाई डोज ले चुके हैं. ऐसी कोई स्टडी नहीं हुई है जो लीन मीट यानी चिकन, फिश और बत्तख और कैंसर में कोई रिश्ता साबित करती हो. ड्यू से मौत की खबर तो पक्का फेक न्यूज है.

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मोदी के नाम पर है मस्जिद?

बेंगलुरु के शिवाजीनगर इलाके में चार साल पहले मोदी मस्जिद खुली. मस्जिद के फोटो वायरल होने ही थे. आखिरकार, मोदी जी के नाम पर मस्जिद कोई आम बात नहीं है, लेकिन ये झूठ है. मोदी मस्जिद नाम जरूर है, लेकिन नरेंद्र मोदी के नाम पर नहीं है. इसका नाम पड़ा है मोदी अब्दुल गफूर पर, जो उस जमीन के मालिक थे, जिसपर मस्जिद बनी है. ये चार साल पहले नहीं 125 साल पहले बनी थी, हाल में इसकी मरम्मत हुई है.

संसद में सो रहे थे अमित शाह?

इस महीने एक और खबर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई कि संसद में जब केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद भाषण दे रहे थे तो अमित शाह सो रहे थे. इस पर सोशल मीडिया के तीरंदाज ने तीर मारा - राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के अभिभाषण के समय राहुल गांधी का मोबाइल फोन पर व्यस्त होना समस्या है लेकिन अमित शाह का सोना नहीं- क्यों?

लेकिन ये फोटो फेक है और वो वीडियो भी जिसमें से ये फोटो निकाली गई. अमित शाह रविशंकर प्रसाद की स्पीच के समय नहीं सो रहे थे.


फारूक का नारा

इसी महीने जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला का एक वीडियो खूब उड़ा, जिसमें वो भारत माता की जय के नारे लगाते दिख रहे थे. फेसबुक पर वीडियो के साथ मतलब भी समझा गया - चूंकि अमित शाह गृह मंत्री बन गए हैं, इसलिए मोदी के सामने फारूक अब्दुल्ला ने पलटी मार ली है.

वीडियो तो असली है लेकिन वीडियो के साथ जो समझाया जा रहा है वो सफेद झूठ है....वीडियो एक साल पुराना है. ये वीडियो 20 अगस्त 2018 का है जब पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के लिए एक सर्वदलीय प्रार्थना सभा हुई थी.

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चर्च में जाने की सजा- मौत?

ट्वीटर पर एक वीडियो में दावा किया गया कि मध्य प्रदेश में एक हिंदू लड़की को सिर्फ इसलिए जिंदा जला दिया गया क्योंकि उसने चर्च में जाने की गलती की थी. ये भी दावा किया गया कि ऐसा दो साल में दूसरी बार हुआ.

असल में वीडियो 2015 का है. वीडियो में दिख रहा है कि एक 15-16 की लड़की को भीड़ ने पीट-पीट कर आग के हवाले कर दिया. वीडियो अल-जजीरा चैनल ने चलाया था और ये ग्वाटेमाला के रियो ब्रावो का है. इस झूठ से आपके अपने क्विंट की टीम वेबकूफ ने पर्दा उठाया.

आदिवासियों का मुस्लिमों पर हमले का सच

जून में एक पोस्ट वायरल हुई कि कुछ मुस्लिमों ने ईद की नमाज के लिए आदिवासियों की जमीन पर कब्जा किया था, इसलिए आदिवासियों ने उन पर तीर कमान से हमला कर दिया.

ये लड़ाई वाकई में हुई थी, लेकिन उस वजह से नहीं जो आपकी बताई गई. असल में जमीन दो मुस्लिमों की थी, जिस पर आदिवासियों ने कुछ महीने पहले कब्जा कर लिया था. विवाद बढ़ता गया और आखिर में ईद पर दोनों पक्ष भीड़ गए. बाद में पुलिस ने मामले को सुलझाने के लिए दखल दिया.

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सोशल मीडिया से लगातार फेक न्यूज के हमले हो रहे हैं, इनसे बचके रहिए. तथ्य नहीं जानते तो किसी नाजुक मसले पर किसी मैसेज, फोटो या वीडियो को फॉरवर्ड मत कीजिए.

जून महीने के फेक न्यूज पर्दाफाश में अभी इतना ही. इन फेक न्यूज के बारे में और जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक्स पर क्लिक करें. और फेक न्यूज से बचने के लिए hindi.thequint.com के वेबकूफ सेक्शन क्लिक करें.

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