प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 19 जनवरी को महाराष्ट्र के मुंबई में मेट्रो लाइन 2A और 7 समेत कई प्रोजेक्ट्स के उद्धाटन में हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने अपने भाषण में कहा कि भारत को G20 की मेजबानी करने का मौका इसलिए मिला, क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था अच्छा परफॉर्म कर रही है.
इस वीडियो को डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के ट्विटर हैंडल से ब्रॉडकास्ट किया गया था. वीडियो में 30 मिनट के बाद एकनाथ शिंदे का ये बयान सुना जा सकता है. (आर्काइव यहां देखें)
क्या एकनाथ शिंदे का दावा सच है : जैसा कि महाराष्ट्र सीएम शिंदे ने कहा कि भारत को G20 की मेजबानी का मौका इसलिए मिला क्योंकि भारत आर्थिक रूप से मजबूत हुआ है. इसका सच जानने के लिए हमने G20 की वेबसाइट देखी.
वेबसाइट के 'About G20' वाले सेक्शन में साफ-साफ लिखा है ''G20 शिखर सम्मेलन प्रतिवर्ष एक क्रमिक अध्यक्षता में आयोजित किया जाता है''.
इसके अलावा, वेबसाइट के ही 'वीडियो' सेक्शन में Sansad TV का एक वीडियो भी मिला.
वीडियो में एंकर को इंडिया की तरफ से G20 शेरपा अमिताभ कांत से बात करते हुए देखा जा सकता है.
वीडियो के 2 मिनट 50वें सेकेंड के बाद एंकर को ये कहते भी देखा जा सकता है कि G20 का कोई स्थायी हेडक्वार्टर नहीं है.
और G20 की अध्यक्षता इसके सदस्य देशों को 'रोटेशन' के आधार पर मिलती है. यानी अगर हर साल इसकी अध्यक्षता एक नए देश के पास पहुंचती है.
इसकी अध्यक्षता करने वाला देश उन दो देशों के साथ मिलकर 'Troika' बनाता है जो इसके पहले G20 की अध्यक्षता कर चुका हो और जो आगे अध्यक्षता करने वाला हो.
इस बार के G20 के 'Troika' के ग्रुप में इंडिया के साथ इटली और इंडोनेशिया शामिल हैं, ताकि G20 के एजेंडे को सुनिश्चित कर सकें.
भारत को पहले भी मिल चुकी है G20 की अध्यक्षता?: G20 की ही वेबसाइट पर ‘G20@2023-The Roadmap to Indian Presidency’ टाइटल की 8 अगस्त को अपलोड की गई एक पीडीएफ फाइल मिली. जिसके मुताबिक:
भारत 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक G20 की अध्यक्षता करेगा और 2023 में 18वें G20 सम्मेलन की मेजबानी करेगा.
इसमें ये भी बताया गया था कि भारत को अपनी नेतृत्व क्षमता दिखाने का ये पहला मौका होगा.
G20 को 'उपलब्धि' बताने का हो चुका है विरोध ?: G20 की अध्यक्षता को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा था कि बीजेपी इसे उपलब्धि के तौर पर दिखा रही है, लेकिन अध्यक्षता मिलना एक सामान्य प्रक्रिया है.
उन्होंने कहा था, '' इसके पहले अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, दक्षिण कोरिया, फ्रांस, मैक्सिको, रूस, ऑस्ट्रेलिया, टर्की, चीन, जर्मनी, अर्जेंटीना, जापान, सऊदी अरब, इटली और इंडोनेशिया जी20 की अध्यक्षता कर चुके हैं. लेकिन किसी ने भी बीजेपी की तरह हाई वोल्टेज ड्रामा नहीं किया.
क्या है G20 ? : G20 की स्थापना 1999 में की गई थी. इसकी शुरुआत एशियाई वित्तीय संकट से निपटने के लिए हुई थी. इसमें भारत सहित दुनिया के 20 देश शामिल हैं.
पिछला G20 इंडोनेशिया के बाली में आयोजित किया गया था. जिसकी अध्यक्षता इंडोनेशिया ने की थी.
शुरुआत में G20 व्यापक आर्थिक मुद्दों पर आधारित था, लेकिन बाद में इसके एजेंडे में विस्तार किया गया. और इसमें व्यापार, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण और भ्रष्टाचार का विरोध भी शामिल किया गया.
पड़ताल का निष्कर्ष: ये बात सच है कि भारत दुनिया के लिए एक बड़ा बाजार होने के साथ-साथ एक उभरती आर्थिक शक्ति भी है. लेकिन हमें ऐसा कोई सुबूत या दस्तावेज नहीं मिला, जिसके आधार पर ये कहा जा सके कि भारत को G20 की अध्यक्षता उसकी बढ़ती आर्थिक ताकत की वजह से मिली है.
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