वीडियो एडिटर: संदीप सुमन
सिंघु बॉर्डर (Singhu Border, Delhi) पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि सोशल मीडिया पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ गलत खबरें (Fake News) चलाकर उनके आंदोलन (Farmers Protest) को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. 'जब तक किसानों की मांगे पूरी नहीं हो जाती, वो यहां से जाएंगे नहीं' किसानों की इसी के साथ ही कहना है कि जो भी सोशल मीडिया पर बिना वेरीफाई करके न्यूज शेयर कर रहा है तो उसे पहले ग्राउंड पर आकर देखना चाहिए और उसी के बाद अपनी राय बनानी चाहिए.
'हम यहां किसानों के हक की बात करने आए हैं'
मीलों दूर से कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ प्रदर्शन करने आए किसान अक्षदीप का कहना है कि- यहां पर ना कोई खालिस्तान की बात कर रहा है, न ही किसी पार्टी के खिलाफ बात हो रही है, यहां प्रदर्शन सिर्फ किसान कर रहे हैं और किसानों की ही बात हो रही है. हम सभी किसानों की हितों की रक्षा के लिए यहां आए हैं, खालिस्तान जैसी गलत बातों को सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा है उस हिसाब से हमें लगता है कि हम किसानों भाइयों कैसे रिप्रजेंट करेंगे?
कहने को तो बहुत कुछ कह सकते हैं, आपने यहां अभी खालिस्तान का नारा सुना है क्या? हम यहां 25 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं, हमने तो नहीं सुना खालिस्तान का नारा...ये बात घुमाना चाहते हैं, वो चाहते हैं कि किसानों का ध्यान भटक जाए हम इस प्रदर्शन को बदनाम कर दें.गगनदीप, किसान
फेक न्यूज से चिंता में प्रदर्शनकारी
ये हमारे खिलाफ हर जगह ये धारणा बनाना चाहते हैं कि इन्हें भटकाया जा सकता है, यहां प्रदर्शन में लाखों लोग आए हैं, क्या ये अनपढ़ हैं? ये मेरे बेटे हैं, इन्होने लॉ किया है, तो क्या वो भी अनपढ़ हैं? ये सब मीडिया गलत फैला रहा है...संदीप, किसान
शुरू से ऐसी चाल चली जाती है कि धर्म के नाम पर लोगों को भड़काया जाए और बांटा जाए, अगर कोई आवाज उठाने की कोशिश करता है तो ये सरकार उस आवाज को दबाने की कोशिश करती है.प्रदर्शन करने आए किसान
प्रदर्शन में शामिल किसान, कमल सिंह कहते हैं कि- हमारे सभी किसान भाई यहां प्रदर्शन के लिए आए हैं, हिंदू, सिख, मुसलमान सभी यहां हमारे साथ है और ये आतंकवाद की निशानी नहीं है.
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